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फिशिंग कैट कॉलरिंग प्रोजेक्ट (Fishing Cat Collaring Project)

  • भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून के संरक्षण जीवविज्ञानियों के नेतृत्व में कोरिंगा वन्यजीव अभयारण्य आंध्र प्रदेश में जल्द ही दस फिशिंग कैट पालन की शुरुआत की जाएगी। इस तीन वर्षीय परियोजना का उद्देश्य प्रजातियों के व्यवहार व खतरों का अध्ययन करना है। इसके लिये पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा अनुमति प्रदान की गई थी।
  • यह देश का पहला फिशिंग कैट कॉलरिंग प्रोजेक्ट है। इससे पूर्व एशिया में इस तरह की एक परियोजना बांग्लादेश में प्रारंभ की गई थी। इस परियोजना की कुल लागत 75 लाख रुपए है। आंध्र प्रदेश राज्य वन विभाग 45 लाख रुपए जारी कर चुका है, जिसे वेदांत समूह द्वारा वित्त पोषित किया गया था।
  • इस परियोजना के तहत कॉलरिंग के लिये फिशिंग कैट्स का चयन करने से पूर्व अभयारण्य में उनकी जनगणना की जाती है। वर्ष 2018 में की गई जनगणना के अनुसार फिशिंग कैट्स की संख्या 115 दर्ज की गई थी।
  • फिशिंग कैट निशाचर जीव है, जो अधिकांशतः घनी वनस्पति वाले क्षेत्रों में जल निकायों के समीप नदी मुहानों, बाढ़कृत मैदानों, मैंग्रोव वन तथा अंतर्देशीय ताज़े जल क्षेत्रों में पाई जाती है। यह प्रजाति वर्ष भर प्रजनन करती है।
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