लचीला ईंधन वाहन, वाहनों का एक संशोधित संस्करण है, जिसे विभिन्न स्तर के इथेनॉल मिश्रण के साथ गैसोलीन तथा मिश्रित पेट्रोल दोनों का उपयोग कर चलाया जा सकता है। वर्तमान में ब्राजील में इसका सफलतापूर्वक प्रयोग किया जा रहा है, जिससे लोगों को वाहनों में ईंधन को स्विच करने का विकल्प मिला है। इससे चालित वाहनों में जैव ईंधन उपयोग में वृद्धि को प्रोत्साहन मिलता है।
यह पर्यावरण अनुकूल होने के साथ-साथ भारत के आत्मनिर्भर अभियान के अनुरूप है। यह वाहनों की पेट्रोल/डीजल पर निर्भरता को कम करने में मदद करेगा, जिससे तेल आयात पर निर्भरता कम होगी। यह खाद्यान्न अधिशेष का इथेनॉल निर्माण में उपयोग कर खाद्यान्न अधिशेष प्रबंधन की समस्याओं को दूर करने में मदद करेगा। भारत में जैव-इथेनॉल संयंत्र स्थापित करने से रोजगार का सृजन होगा।
इथेनॉल ईंधन की ऊर्जा दक्षता गैसोलीन के समान नहीं होने के कारण इसे किफायती नहीं माना जाता है। इथेनॉल से वाहनों में जंग लगने व इंजन को क्षति पहुँचने का खतरा रहता है। इसके अतिरिक्त इथेनॉल उत्पादन लाइनों तथा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिये ऑटो कंपनियों से अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता है।
विदित है कि इससे पूर्व सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ई-12 (गैसोलीन में 12% इथेनॉल का मिश्रण) तथा ई-15 ईंधन का मोटर वाहन ईंधन के रूप में सुविधाजनक उपयोग सुनिश्चित करने के लिये उत्सर्जन मानकों से संबंधित एक मसौदा अधिसूचना जारी की थी।