विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी वैश्विक पोषण रिपोर्ट, 2021 के अनुसार, भारत में रक्ताल्पता तथा चाइल्डहुड वेस्टिंग को कम करने की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 15-49 आयु वर्ग की आधी से अधिक महिलाएँ रक्ताल्पता से ग्रसित हैं, जिनकी संख्या वर्ष 2016 में 52.6% से बढ़कर वर्ष 2020 में 53% हो गई है।
भारत में 5 वर्ष से कम आयु के 17% से अधिक बच्चे चाइल्डहुड वेस्टिंग से प्रभावित हैं। यह आँकड़ा एशिया के कुल औसत से काफी अधिक है, जहाँ यह लगभग 9% है। भारत उन 23 देशों की श्रेणी में शामिल है, जिनमें चाइल्ड वेस्टिंग को कम करने की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है बल्कि इसमें वृद्धि हुई है। वेस्टिंग से तात्पर्य उन बच्चों से है, जिनका वज़न उनकी लंबाई के हिसाब से कम होता है।
भारत उन 53 देशों में शामिल है, जो जल्द ही स्टंटिंग के लक्ष्य को प्राप्त करेंगे, किंतु 5 वर्ष से कम उम्र के 34% से अधिक बच्चे अभी भी इससे प्रभावित हैं। स्टंटिंग से तात्पर्य उन बच्चों से है, जिनकी लंबाई उम्र के अनुसार कम होती है।
भारत ने 13 वैश्विक पोषण लक्ष्यों में से 7 को प्राप्त कर लिया है, जिनमें सोडियम सेवन, रक्तचाप में वृद्धि, मोटापा तथा मधुमेह को कम करना शामिल हैं। देश में लगभग 6.2% वयस्क महिलाएँ तथा 3.5% पुरुष मोटापे से ग्रसित हैं। वास्तव में विश्व का कोई भी देश मोटापे के लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सका था।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 'जन्म के समय कम वज़न' से संबंधित पर्याप्त आँकड़े उपलब्ध नहीं हैं।