कनाडा तथा अमेरिका के कुछ हिस्से इन दिनों अप्रत्याशित तापमान का सामना कर रहे हैं। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार तापमान में अचानक हुई इस बढ़ोतरी का कारण हीट डोम प्रभाव को बताया जा रहा है।
अमेरिका के वाणिज्य विभाग के तहत ‘नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन’ (NOAA) के अनुसार हीट डोम की स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब वायुमंडल गर्म समुद्री हवा को किसी ढक्कन या टोपी की भांति ढँक लेता है। यह घटना समुद्र के तापमान में अत्यधिक वृद्धि के कारण होती है, जिसके चलते संवहनी प्रक्रिया के अनुसार गर्म समुद्री सतह से अत्यधिक गर्म हवाएँ ऊपर उठने लगती हैं।
दुसरे शब्दों में वायुमंडल का उच्च दाब गर्म हवा को नीचे की ओर धकेलता है, जिससे गर्म हवा वातावरण में फैलने लगती है तथा गर्म चैंबर की तरह काम करने लगती है। उच्च दाब के कारण बादल भी ढक्कननुमा डोम से दूर हो जाते हैं, सतह पर वायु सिकुड़ने लगती है तथा लू चलने लगती है। जैसे-जैसे प्रचलित हवाएँ गर्म हवा को पूर्व की ओर ले जाती हैं, जेट स्ट्रीम की उत्तरी हवा को भूमि की ओर ले जाती है, जिसके परिणामस्वरूप गर्मी की लहरें आती हैं। हीट डोम सामान्यता एक सप्ताह तक रहता है।
हीट डोम की स्थिति में बिना एयर कंडीशनर के रहने वाले लोगों के लिये बढ़ता हुआ तापमान असहनीय हो जाता है, जो मृत्यु का कारण बनता है। इसके कारण फसलों को नुकसान के साथ-साथ सूखे अकाल की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। प्रचंड जलवायु की यह घटना वनों में अग्नि के लिये भी जिम्मेदार होती है। गर्मी के चलते ऊर्जा की माँग में भी वृद्धि होती है।