हाल ही में, तेल अवीव विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे जीव की खोज की है जिसमें अवायवीय श्वसन (anaerobic respiration) होता है।
- ध्यातव्य है कि कवक और अमीबा जैसे अन्य जीव जिनमें अवायवीय श्वसन होता है, वे समय के साथ श्वसन क्षमता खो देते हैं; इस जीव के साथ भी ऐसा होने की सम्भावना है।
खोज का परिणाम
- इस खोज ने वैज्ञानिकों की इस धारणा को तोड़ दिया है कि सभी जंतुओं में वायवीय श्वसन (aerobic respiration) होता है।
- यह खोज इस धारणा को भी चुनौती दे रही है कि जीवों में उद् विकास की प्रक्रिया में ऊपर आने पर जटिलता बढ़ती जाती है, क्योंकि इस नए जीव ने उद् विकास की प्रक्रिया में सरलता प्राप्त की है और इसमें वायवीय श्वसन के लिये उत्तरदायी जीन अनुपस्थित हैं।
विशेषताएँ
- यह साल्मन (salmon) की माँसपेशी में रहने वाला लगभग 10-कोशिकाओं वाला सूक्ष्मदर्शी परजीवी।
- इसमें माइटोकॉन्ड्रियल जीनोम अनुपस्थित होने के कारण श्वसन में ऑक्सीजन की अनुपस्थिति होती है, अतः ऑक्सीजन ग्रहण करने में असमर्थ।