'हाई रिज़ॉल्यूशन कंप्यूटेड टोमोग्राफी' (HRCT) सीटी स्कैन की छवि-चित्रण का रिज़ॉल्यूशन बढ़ाने की तकनीक है। इसका प्रयोग स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न समस्याओं का पता लगाने के लिये किया जाता है, इन समस्याओं में फेफड़ों संबंधी बीमारियाँ सबसे सामान्य हैं।
सीटी स्कैन (Computed Tomography Scan) सामान्य एक्स-रे की अपेक्षा शरीर के किसी भी हिस्से का छवि-चित्रण अधिक स्प्ष्टता और ब्यौरे के साथ प्रस्तुत करता है, इनमें हड्डियों, माँसपेशियों, वसा तथा विभिन्न अंगों का छवि-चित्रण शामिल है।
एच.आर.सी.टी. तकनीक का उपयोग परंपरागत सीटी स्कैनर के माध्यम से ही किया जाता है। इसमें छवि-चित्रण संबंधी तकनीकी मापदंडों का इस्तेमाल इस तरह से किया जाता है कि इससे संबंधित अंग का सतही रिज़ॉल्यूशन बढ़ जाता है। वस्तुतः एच.आर.सी.टी. तकनीक का विकास अपेक्षाकृत मंद (Slow) सीटी स्कैनर के साथ किया गया है, जिसमें मल्टी-डिटेक्टर (MDCT) तकनीक का प्रयोग नहीं किया जाता।
हाई रिज़ॉल्यूशन कंप्यूटेड टोमोग्राफी का उपयोग 'पल्मोनरी फाइब्रोसिस' जैसी फेफड़ों के वायुकोषों में होने वाली बीमारी, वायुस्पीति (Emphysema) तथा ब्रोंकाइक्टेसिस (Bronchiectasis) जैसी फेफड़ों की सामान्य बीमारियों का पता लगाने के लिये किया जाता है। ये सभी श्वसन संबंधी बीमारियाँ (Airway diseases) हैं।