‘भारतीय तेंदुआ’ लगभग सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है। बड़ी बिल्ली की इस प्रजाति का वैज्ञानिक नाम ‘पैंथेरा पारडस फुस्का’ (Panthera pardus fusca) है।
- यह वन्यजीव रेगिस्तान व सुंदरबन के मैंग्रोव को छोड़कर शेष सभी प्रकार के जंगलों, जैसे- उष्णकटिबंधीय वर्षावन, समशीतोष्ण पतझड़ वाले वन, अल्पाइन शंकुधारी वन, झाड़ियों व घास के मैदान आदि में पाया जाता है।
- देश में ‘तेंदुए’ की सर्वाधिक संख्या मध्य प्रदेश में पाई जाती है। राजस्थान के पाली जिले में जवाई नदी के समीप स्थित जवाई पहाड़ी ‘भारतीय तेंदुआ पहाड़ी’ के नाम से प्रसिद्ध है। यह जानवर मुख्यतः शिकार, सड़क दुर्घटना, मानव-वन्यजीव टकराव आदि के कारण संकटग्रस्त है।
- विभिन्न मंचों पर ‘भारतीय तेंदुए’ की संरक्षण स्थिति:
- आई.यू.सी.एन. (IUCN) – संवेदनशील (Vulnerable)
- साइट्स (CITES) – अपेंडिक्स - I
- भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 – अनुसूची 1
- हाल ही में, वन्यजीवों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की निगरानी करने वाली अग्रणी संस्था ‘ट्रैफिक इंडिया’ (TRAFFIC India) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2015 से 2019 के मध्य अवैध रूप से सर्वाधिक ‘भारतीय तेंदुए’ उत्तराखंड व महाराष्ट्र में मारे गए हैं।