केंद्र द्वारा एक परियोजना के हिस्से के रूप में सिंधु नदी डॉल्फ़िन (प्लैटनिस्टा गैंगेटिका माइनर) की जनगणना की जाएगी। यह मीठे जल की डॉल्फ़िन है, जो ब्यास नदी में पाई जाती है।
डॉल्फिन की यह प्रजाति विश्व में सर्वाधिक खतरे का सामना कर रही केटासियन (सीतासियों/Cetaceans) में से एक है। केटासियन स्तनधारियों का पूर्ण जलीय क्रम है, जिसमें व्हेल, डॉल्फ़िन तथा पोरपोइज़ शामिल हैं।
सिंधु नदी डॉल्फ़िन को आई.यू.सी.एन. की रेड लिस्ट में संकटग्रस्त श्रेणी के अंतर्गत रखा गया है। कुछ समय पूर्व तक सिंधु डॉल्फ़िन को पाकिस्तान की स्थानिक प्रजाति के रूप में जाना जाता था।
वर्ष 2007 में पंजाब के हरिके वन्यजीव अभयारण्य तथा निचली ब्यास नदी में इनकी बची हुई लेकिन व्यवहार्य आबादी की खोज की गई।
वर्ष 2019 में सिंधु नदी डॉल्फ़िन को पंजाब का राजकीय जलीय जीव घोषित किया गया था। पंजाब में समर्पित व्यक्ति समूह विकास के लिये विस्तार कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे, इन्हें 'ब्यास-डॉल्फ़िन मित्र' (मित्र व संरक्षक) के नाम से जाना जाता है।