देश भर में संचालित 'अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों' (IFSCs) के विनियमन के लिये सरकार द्वारा 'अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण' (IFSCA) की स्थापना की गई है।
- इस प्राधिकरण की स्थापना केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा की गई है, इसका मुख्यालय गांधीनगर में होगा। इसका मुख्य कार्य प्रतिभूतियों, बीमा जमाओं अथवा अनुबंधों, वित्तीय सेवाओं जैसे वित्तीय उत्पादों तथा पूर्व में आई.एफ.एस.सी. के अंदर स्वीकृत वित्तीय संस्थानों का विनियमन करना होगा।
- यह देश में संचालित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों के संचालन हेतु एकीकृत प्राधिकरण होगा। वर्तमान में, देश के अंदर विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवाओं, जैसे- बैंकिंग, पूंजी बाज़ार तथा बीमा क्षेत्र का विनियमन विभिन्न नियामकों द्वारा किया जाता है। इन नियामकों में शामिल हैं- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI), पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) इत्यादि।
- ध्यातव्य है कि आई.एफ.एस.सी.ए. की स्थापना सरकार द्वारा एक अधिसूचना के माध्यम से की गई है। यद्यपि, इसके लिये आई.एफ.एस.सी.ए. एक्ट, 2019 पारित किया जा चुका है। वर्तमान अधिसूचना के माध्यम से, इस अधिनियम के अंतर्गत प्राधिकरण के संचालन से जुड़े सिर्फ कुछ प्रावधानों को ही लागू किया गया है।
- आई.एफ.एस.सी.ए. के अंतर्गत एक अध्यक्ष, रिज़र्व बैंक, सेबी, इरडा एवं पी.एफ.आर.डी.ए. द्वारा नामित एक-एक सदस्य, केंद्र सरकार द्वारा नामित 2 सदस्य तथा 2 अन्य पूर्णकालिक अथवा पूर्ण या अंशकालिक सदस्य शामिल होंगे।