हाल ही में, मानसून मौसम के लिये 'जल शक्ति अभियान' को पुनः शुरू किया गया है। इसको शुरू करने का मूल उद्देश्य मानसून के दौरान, देश भर में वर्षाजल का संरक्षण और पुनर्भरण करना है।
- देश में, कोविड-19 महामारी के चलते विद्यमान स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिये 'जल शक्ति अभियान' के तहत कई मापदंड निर्धारित किये गए हैं। साथ ही, अभियान के विभिन्न घटकों के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये भी कई कदम उठाए गए हैं।
- 'जल शक्ति अभियान' के तहत सरकार ने निर्देश दिया है कि लॉकडाउन के दौरान मनरेगा/पेयजल तथा स्वच्छता कार्यों का उपयोग प्राथमिक रूप से सिंचाई एवं जल संरक्षण के लिये किया जाएगा।
- अभियान के अंतर्गत, परम्परागत जल निकायों के जीर्णोद्धार, जल निकायों से अतिक्रमण को हटाना, तालाबों एवं झीलों की सफाई तथा जल संभरण स्थलों का निर्माण एवं मरम्मत इत्यादि कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- 'जल शक्ति अभियान' की शुरुआत 1 जुलाई, 2019 को जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत की गई थी। इस मिशन को, पानी की कमी से जूझ रहे 256 ज़िलों में शुरू किया गया था। इस अभियान की 'जल संरक्षण ड्राइव' के अंतर्गत विभिन्न पक्षों ने अपनी सहभागिता दर्ज की, इनमें केंद्र सरकार, राज्य सरकारें, सिविल सोसाइटी संगठन, पंचायती राज संस्थान तथा विभिन्न सामुदायिक संगठन शामिल थे।