‘कोट्टनकुलंगारा चमयविलक्कु’ केरल के कोल्लम जिले में स्थित कोट्टनकुलंगारा देवी मंदिर में प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला उत्सव या त्योहार है। इसमें पुरुषों द्वारा महिलाओं का वेश धारण किया जाता है। गौरतलब है कि यह देश का एकमात्र मंदिर है जिसमें पुरुषों का प्रवेश वर्जित है।
ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में देवी की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी। यह केरल का एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसके गर्भगृह के ऊपर छत या कलश नहीं हैं।
उत्सव के दौरान मंदिर के प्रवेश द्वार पर पुरुष महिलाओं के वेश में आगंतुकों का स्वागत करते हैं और रात्रि में ये पुरुष दीपक लेकर पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ शोभायात्रा निकालते हैं, जो इस उत्सव का सबसे महत्त्वपूर्ण पक्ष है।
पूजा करने के लिये पुरुषों को महिलाओं की तरह ही श्रृंगार करना पड़ता है। इनके तैयार होने के लिये मंदिर में अलग से श्रृंगार कक्ष बनाया जाता है। गौरतलब है कि ट्रांसजेंडर भी इस मंदिर की पूजा अर्चना में भाग लेते हैं।