‘कुम्हार सशक्तीकरण योजना’ वर्ष 2018 में ‘खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग’ (Khadi and Village Industries Commission – KVIC) द्वारा लॉन्च की गई थी। इसका मूल उद्देश्य देश के सुदूर क्षेत्रों में रह रहे कुम्हार समुदाय का सशक्तीकरण करना तथा देश की परम्परागत मृत्तिका-कला (Pottery Art) का पुनरुद्धार करना है।
- इस कार्यक्रम के तहत, कुम्हारों को उनके पेशे से जुड़ी विभिन्न सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं। इनमें शामिल हैं- आधुनिक मृत्तिका उत्पादों (Pottery Products) के निर्माण हेतु प्रशिक्षण, मृत्तिका उत्पादों के निर्माण में सहायक अद्यतन तकनीक से युक्त उपकरण जैसे- विद्युत-चालित चाक (Electric Wheel), ब्लंगर, पग मिल्स इत्यादि उपलब्ध कराना और मृत्तिका उत्पादों के लिये बाज़ार पहुँच सुनिश्चित करना।
- उल्लेखनीय है कि हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र ‘गांधीनगर’ में कुम्हार परिवारों को 100 विद्युत आधारित चाक वितरित किये हैं।
- ‘सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय’ के अंतर्गत आने वाला ‘खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग’ एक सांविधिक संस्था (Statutory Body) है, जिसकी स्थापना अप्रैल 1957 में ‘खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम, 1956’ के तहत की गई थी। के.वी.आई.सी. को ‘अखिल भारतीय खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड’ के कार्य भी सौंप दिये गए थे।
- इस संस्था का प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में के.वी.आई.सी. उद्योगों को बढ़ावा देना है। इसमें मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार सृजन को बढ़ावा देना, रोज़गार में सहायक उपकरण उपलब्ध कराना तथा ग्रामीण जनसंख्या को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करना इत्यादि शामिल हैं।