• स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 'लॉन्गिट्यूडिनल एजिंग स्टडी ऑफ इंडिया (LASI) वेव -1' नामक एक रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट देश की बढ़ती जनसंख्या के स्वास्थ्य, आर्थिक व सामाजिक निर्धारकों तथा बढ़ती उम्र के परिणामों की वैज्ञानिक जाँच का राष्ट्रीय सर्वेक्षण है। यह विश्व का सबसे बड़ा सर्वेक्षण है जो वृद्ध आबादी के लिये नीतियों और कार्यक्रमों के निर्माण में उपयोगी होगा।
• वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की संख्या लगभग 103 मिलियन है, जो देश की कुल जनसंख्या का 8.6% है। लगभग 3% की वार्षिक वृद्धि के साथ वर्ष 2050 तक भारत में वृद्ध लोगों की जनसंख्या 319 मिलियन होने की संभावना है।
• वृद्ध लोगों की लगभग 75% आबादी जीर्ण रोगों से पीड़ित है। लगभग 40% वृद्धों में एक या अधिक प्रकार की विकलांगता तथा लगभग 20% में मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएँ पाई गई हैं।
• इस सर्वेक्षण में सिक्किम को छोड़कर देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 45 वर्ष व उससे अधिक आयु के लगभग 72,000 व्यक्तियों को शामिल किया गया। इनमें 60 वर्ष और उससे अधिक आयु-वर्ग के 31,000 से अधिक तथा 75 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 6,700 से अधिक वृद्ध शामिल हुए।
• वृद्धजनों की स्वास्थ्य देखरेख के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज़ मुंबई ने हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया यू.एस.ए., यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन एजिंग के सहयोग से इस सर्वेक्षण को पूरा किया है। विदित है कि प्रत्येक वर्ष 1 अक्तूबर को वृद्धजनों के लिये अंतर्राष्ट्रीय दिवस का आयोजन किया जाता है।