लंपी स्किन डिज़ीज़ (LSD) एक पशुरोग है जो 'कैप्रीपॉक्स वायरस' (Capripox virus) के कारण होता है। इसकी वजह से पशुओं में बुखार, अवसाद, थन से दूध गिरते रहना, पैरों में सूज़न तथा लंगड़ापन इत्यादि की समस्या देखने को मिलती है। इसके चलते दुधारू पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता कम हो जाती है।
इसका मुख्य लक्षण, संक्रमण के पश्चात तेज़ बुखार और लसिका ग्रंथि में सूज़न के बाद शरीर में 5 सेमी. तक के आकार की मोटी-मोटी गाँठें उभरना है। दुधारू पशुओं तथा जवान बछड़ों में इस रोग के खतरनाक लक्षण दृष्टिगत होते हैं। एल.एस.डी. का अभी तक कोई उपचार उपलब्ध नहीं है।
लंपी स्किन डिज़ीज़ का विषाणु किस तरह से पशुओं में संचरित होता है, इस संबंध में कोई ठोस जानकारी उपलब्ध नहीं है। ऐसी मान्यता है कि यह विषाणु मुख्यतः खून चूसने वाले कीट वाहकों, जैसे मच्छर, मक्खी तथा छोटे कीटों अथवा संदूषित सूइयों द्वारा संचारित होता है।
संक्रमण के पश्चात यह विषाणु रक्त में 21 दिन तक, जबकि वीर्य (Semen) में 42 दिन तक विद्यमान रहता है। एल.एस.डी. विषाणु सबसे पहले वर्ष 1929 में अफ्रीका में खोजा गया, तब से अब तक यह एशिया और यूरोप के कई देशों में फैल चुका है।