मारबर्ग वायरस रोग एक घातक रक्तस्रावी बुखार है। यह इबोला की तरह एक फाइलोवायरस है तथा यह दोनों रोग नैदानिक दृष्टि से भी समान हैं।
रूसेटस फ्रूट-बैट (चमगादड़) को इस विषाणु के प्राकृतिक मेज़बान के रूप में देखा जाता है। हालाँकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इस रोग के प्रथम मानव संक्रमण का प्रमुख कारण युगांडा से लाए गए अफ्रीकी हरे बंदर थे।
यह संक्रमित व्यक्ति के रक्त, अंगों या अन्य शारीरिक स्राव के सीधे संपर्क में आने से मानव-से-मानव संचरण के माध्यम से फैलता है।
इस बीमारी की औसत मृत्यु दर लगभग 50% है। हालाँकि वायरस स्ट्रेन तथा मामलों के प्रबंधन के आधार पर यह 24% तक कम हो सकता है