6 अक्तूबर, 2020 को मंगल ग्रह पृथ्वी के सबसे नज़दीक था जिसे 'मार्स एट क्लोज़र' कहा गया, जबकि 13 अक्तूबर, 2020 को मंगल ग्रह ‘सबसे बड़ा, स्पष्ट व चमकदार किंतु विपरीत दिशा में' दिखाई दिया, जिसे 'मार्स एट अपोज़िशन' नाम दिया गया।
नासा के अनुसार, पृथ्वी पर व्यक्तिपरक दृष्टिकोण से मंगल व सूर्य पूर्व दिशा में उदय होते हैं और पश्चिम में अस्त होते हैं, जबकि पृथ्वी के दृष्टिकोण से सूर्य व मंगल आकाश में विपरीत दिशा में दिखाई देते हैं, इसलिये मंगल को ‘अपोज़िशन’ में कहा गया है।
जो ग्रह पृथ्वी की तुलना में सूर्य से अधिक दूरी पर हैं ‘अपोज़िशन’ की घटना केवल उन्हीं के साथ घटित हो सकती है। यह घटना लगभग 26 महीनों में घटित होती है, जब सूर्य, पृथ्वी तथा मंगल ग्रह एक सीधी रेखा में होते हैं और पृथ्वी, सूर्य तथा मंगल ग्रह के बीच से गुज़रती है।
अपोज़िशन की घटना के कारण मंगल ग्रह, बृहस्पति ग्रह को पीछे छोड़कर सौरमंडल में तीसरा सबसे चमकीला ग्रह बन गया है, जबकि इस संदर्भ में चंद्रमा एवं शुक्र क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर हैं।
अगली बार मंगल ग्रह पृथ्वी के सबसे नज़दीक (लगभग 62.07 मिलियन किमी. दूर) 8 दिसम्बर, 2022 को होगा। इन ग्रहों के बीच की दूरी कम-ज़्यादा इसलिये होती रहती है क्योंकि ये दोनों ग्रह परवलयाकार मार्ग पर सूर्य की परिक्रमा करते हैं तथा अपनी कक्षा पर कुछ अंश के कोण पर झुके हुए हैं। इसके अतिरिक्त, अन्य ग्रहों का गुरुत्वाकर्षण प्रभाव भी इसका एक प्रमुख कारण है।