मेथनॉल हाइड्रोजन वाहक ईंधन है। इसका उत्पादन उच्च राख कोयले, कृषि अवशेषों, थर्मल पावर प्लांटों से उत्सर्जित कार्बन डाईऑक्साइड और प्राकृतिक गैस से होता है। यह पेट्रोल, डीज़ल तथा इथेनॉल की तुलना में सस्ता है।
मेथनॉल (CH3OH) जीवाश्म ईंधन का एक बेहतर विकल्प है, जो प्रदूषक उत्सर्जन को कम करके शुद्ध कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा। यह भारत की कॉप-21 में निर्धारित प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिये सर्वोत्तम उपाय है।
सरकार आयातित ईंधन पर निर्भरता को कम करने की रणनीति के तहत अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन और सेना के ट्रकों में ईंधन के रूप में मेथनॉल का उपयोग करने की योजना पर काम कर रही है। इसके तहत नीति आयोग हल्दिया, वाराणसी और इलाहाबाद में अंतर्देशीय जलमार्गों के रूपांतरण की सुविधा प्रदान कर रहा है।
नीति आयोग ने 20% कच्चे तेल के आयात को मेथनॉल से प्रतिस्थापित करने की योजना बनाई है, जिससे देश में प्रदूषण के स्तर को 40% तक कम करने में मदद मिलेगी। इस परियोजना को डेक्कन स्कैंडीनाओएस इंडिया और डेक्कन वाटर ट्रीटमेंट के माध्यम से (70:30) संयुक्त रूप से कार्यान्वित किया जाएगा।