हाल ही में, केरल सरकार द्वारा आदिवासी बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने हेतु ‘नमथ बसई’ नामक कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। नमथ बसई एक इरुला भाषी नाम है, इसका अर्थ होता है- ‘हमारी भाषा’।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य, आदिवासी बच्चों के लिये घर पर ही शिक्षा की आवश्यकता को महसूस कर उन्हें ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाई से जोड़े रखना है।
- इसे 'समग्र शिक्षा केरल' (SSK) द्वारा लागू किया गया है, जिसके तहत अभी तक 50 लैपटॉप वितरित किये गए हैं। इसमें यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से प्री-रिकॉर्डेड कक्षाएँ भी प्रदान की गई हैं।
- इस कार्यक्रम ने आदिवासी बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान कर ऑनलाइन कक्षाओं में नियमित रूप से उपस्थिति रखने में भी सफलता हासिल की है। केरल के अट्टापड्डी में 192 बस्तियों के अधिकांश आदिवासी बच्चों को इन कक्षाओं से जोड़ा गया है। अट्टापड्डी में तीन जनजातीय भाषाओं (इरुला, मुडुका, और कुरुम्बा) में कक्षाएँ दी जा रही हैं।
- ‘नमथ बसई’ को केरल के वायनाड एवं इडुक्की जिले के आदिवासी इलाकों में भी लागू किया जा रहा है। इडुक्की में ओराली (Oorali), मुतुवन (Mutuvan) एवं पनिया (Paniya) भाषाओं में कक्षाएँ दी जा रही हैं।