'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' योजना के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के लाभार्थी एक ही राशन कार्ड से पूरे देश में कहीं भी खाद्यान्न प्राप्त कर सकेंगे। इससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा का कुशल क्रियान्वयन होगा; साथ ही, कम्प्यूटरीकृत खाद्यान्न वितरण से पारदर्शिता भी आएगी।
- इस योजना के अंतर्गत, सभी राशन कार्डों को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा तथा 'पॉइंट ऑफ सेल' (वह स्थान जहाँ वस्तुओं एवं सेवाओं का भुगतान किया जाता है) मशीन की सहायता से खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिये सार्वजनिक वितरण प्रणाली को 'डिपो ऑनलाइन प्रणाली' (DOP) से जोड़ा गया है।
- राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी के लिये राज्य सरकारें द्विभाषी प्रारूप में राशन कार्ड जारी करेंगी, जिसमें एक स्थानीय भाषा के अतिरिक्त दूसरी भाषा हिंदी या अंग्रेज़ी होगी। साथ ही, प्रत्येक राज्य को 10 अंकों का मानक राशन कार्ड नम्बर दिया गया है, जिसमें पहले दो अंक राज्य कोड व अगले दो अंक राशन कार्ड नम्बर हैं।
- इस योजना का क्रियान्वयन उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। इसके तहत केंद्रीय भंडारण निगम, राज्य भंडारण निगम व निजी गोदामों में भंडारित 612 लाख टन अनाज लगभग 81 करोड़ लाभार्थियों में वितरित किया जाना है।
- उल्लेखनीय है कि 'नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड' (NCMC) योजना को ही 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' योजना के नाम से जाना जाता है। इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 4 मार्च, 2019 को की गई थी। 1 जून, 2020 तक इसे पूरे देश में लागू किया जाना है।