जून 2021 में अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में कॉफी समूह वर्ग से संबंधित 15 मीटर लंबे एक पेड़ की खोज की गई है। यह नई प्रजाति भारत में खोजी गई पायरोस्ट्रिया वंश की पहली प्रजाति है। पाइरोस्ट्रिया वर्ग समूह से संबंधित पौधे सामान्यता मेडागास्कर में पाए जाते हैं।
भारत में पायरोस्ट्रिया लालजी की इस प्रजाति को सर्वप्रथम दक्षिणी अंडमान के वंदूर वन में देखा गया था। इस प्रजाति को अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के अन्य क्षेत्रों जैसे- जारवा आरक्षित वन क्षेत्र के तिरूर वन तथा चिड़िया टापू वन में देखा भी जा सकता है।
यह पेड़ लंबे तने के साथ सफेद परतदार स्कंध तथा फनाकार के तिरछे-मोटे पत्तों के लिये विख्यात है। इस पेड़ पर 8-12 फूलों का छतरीदार पुष्पक्रम इसे इस वंश की अन्य प्रजातियों से अलग करता है।
पायरोस्ट्रिया लालजी को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की रेड लिस्ट में ‘गंभीर संकटग्रस्त’ (Critically Endangered) की श्रेणी में रखा गया है।
भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के अंडमान निकोबार क्षेत्रीय केंद्र के संयुक्त निदेशक व कार्यालय प्रमुख लाल जी सिंह के नाम पर इस प्रजाति का नाम पायरोस्ट्रिया लालजी रखा गया है।