हाल ही में, रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force-RPF) ने कोविड-19 महामारीके दौरान ट्रेन टिकेट में पुष्ट आरक्षण के लिये अवैध सॉफ्टवेयर रियल मैंगो (पूर्व में रेयर मैंगो) के प्रयोग किये जाने के बारे में पता लगाया है। यह रेल टिकट बुकिंग की पूरी प्रक्रिया को तीव्र गति से सम्पादित करता था।
यह सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ता के वास्तविक या रोबोट होने को निर्धारित करने के लिये आने वाले V3 और V2 कैप्चा (CAPTCHA-Completely Automated Public Turing test to tell Computers and Humans Apart) को बाईपास कर जाता है।
यह सॉफ्टवेयर भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) की आई.डी. पर स्वतः लॉग-इन करके न सिर्फ स्वतः ही यात्री विवरण और भुगतान विवरण को फॉर्म में भर देता है, बल्कि मोबाइल ऐप की मदद से बैंक-जनित ओ.टी.पी. को भी एक से अधिक माध्यमों में भेजकर स्वतः प्रयोजनीय बना लेता है।
यह गैर-कानूनी सॉफ्टवेयर पाँच स्तरीय संरचना के माध्यम से बेचा जा रहा था और इसके लिये बिटकॉइन में भुगतान लिया जाता था। इसके अलावा, ए.एन.एम.एस/रेड मिर्ची/ब्लैक टी.एस, रेड बुल आदि कुछ और ऐसे सॉफ्टवेयर हैं जिनके माध्यम से ऐसा गैर-कानूनी कार्य किया जाता था।
रेलवे सुरक्षा बल (RPF), रेलवे की सम्पत्ति और यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करने का कार्य करता है, इसकी स्थापना रेलवे सुरक्षा बल अधिनियम, 1957 द्वारा की गई है।