यह भारत की पहली खारे पानी से जलने वाली लालटेन है। इसमें लगे एल.ई.डी. लेंप में विद्युत आपूर्ति के लिये विशेष प्रकार से डिज़ाइन इलेक्ट्रोड में इलेक्ट्रोलाइट के रूप में समुद्र के खारे जल का उपयोग किया गया है।
इसे राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT), चेन्नई द्वारा विकसित किया गया है। इस प्रौद्योगिकी का उपयोग देश के भीतरी क्षेत्रों में भी किया जा सकता है क्योंकि इस लालटेन में खारे जल अथवा नमक मिश्रित सामान्य जल का उपयोग किया जा सकता है।
यह तकनीक लागत प्रभावी तथा संचालन में व्यवहार्य है। इससे देश भर में एल.ई.डी. बल्ब वितरण के लिये वर्ष 2015 में शुरू की गई उजाला योजना को भी बढ़ावा मिलेगा।