गुजरात राज्य पर्यटन विभाग और सीमा सुरक्षा बल (BSF) गुजरात फ्रंटियर ने संयुक्त रूप से गुजरात के बनासकांठा जिले में भारत-पाक सीमा पर नडाबेट में ‘सीमा दर्शन परियोजना’ शुरू की है।
इससे बी.एस.एफ. कर्मियों के जीवन एवं कार्यों का निरीक्षण करने का अवसर प्राप्त होगा। पर्यटक, भारतीय सेना एवं बी.एस.एफ. द्वारा नडाबेट में उपयोग किये जाने वाले मिसाइलों, टैंकों, विमानों आदि को भी देख सकते हैं। इसमें सबसे आकर्षण का बिंदु पाकिस्तान के साथ लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा 'ज़ीरो पॉइंट' है।
नडाबेट को ‘वाघा सीमा’ के पैटर्न पर पर्यटन आकर्षण स्थल के रूप में 125 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है, अत: इसको 'गुजरात का वाघा' भी कहा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि नडाबेट ने वर्ष 1971 केभारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम् भूमिका निभाई थी।
इस योजना के तहत विरल जनसंख्या एवं विरल वनस्पति वाले क्षेत्र में सीमा-पर्यटन को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिससे पर्यटन के अवसर में वृद्धि, रोजगार सृजन एवं सीमा पार से भारत की ओर पलायन को रोका जा सकेगा।