स्टेबलक्वाइन या स्थिर मुद्रा एक डिजिटल करेंसी/क्रिप्टोकरेंसी है, जो अमेरिकी डॉलर या सोने जैसी ‘स्थिर’ आरक्षित संपत्ति से संबद्ध है। इसे बिटकॉइन जैसी अनपेक्षित क्रिप्टोकरेंसी के सापेक्ष अस्थिरता को कम करने के लिये डिज़ाइन किया गया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में पहला स्टेबलकॉइन ‘टीथर’ (Tether) बनाया गया।
सामान्यतः यह सरकार द्वारा समर्थित मुद्रा से विशिष्ट रूप से जुड़ी होती है। वर्तमान में दर्जनों स्टेबलक्वाइन मौजूद हैं, जो डॉलर को अपनी बेंचमार्क संपत्ति के रूप में उपयोग करते हैं। इनमें से कई स्टेबलक्वाइन यूरो एवं येन जैसी अन्य वैध मुद्राओं से भी जुड़े हुए हैं।
स्टेबलकॉइन परंपरागत निवेशकों के लिये बिटकॉइन जैसी अस्थिर क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में अपेक्षाकृत एक स्थाई विकल्प प्रदान करते हैं। ये फिएट मुद्रा (करेंसी) एवं डिजिटल मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) के बीच एक सेतु का कार्य करते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी के समान इनमे भी ब्लॉकचेन सुरक्षा, गोपनीय लेन-देन, त्वरित स्थानान्तरण एवं बिचौलियों की कमी जैसी सुविधा होती है। इनका उपयोग सामान, किराये या विद्युत बिलों के भुगतान या अन्य के लिये भी किया जा सकता है।