हाल ही में, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा तांगम: एन एथेनोलिंग्विस्टिक स्टडी ऑफ क्रिटिकली एनडेंजर्ड ग्रुप ऑफ अरुणाचल प्रदेश नामक शीर्षक से एक पुस्तक का लोकार्पण किया गया, जिसमें तांगम समुदाय की भाषा एवं समुदाय के संरक्षण के विषय में चर्चा की गई है।
- तांगम अरुणाचल प्रदेश की 'आदि जनजाति' (Adi tribe) के अंदर एक अल्पज्ञात समुदाय है, जो सियांग जिले के पेनडेम सर्किल में कुग्गिंग (Kugging) गाँव में रहते हैं। कुग्गिंग गाँव, आदि जनजाति के शिमॉन्ग (Shimong) और मिन्यांग्स (Minyongs) उपसमूहों के साथ–साथ खाम्बस के बौद्ध आदिवासी समूह के कई गाँव से घिरा हुआ है।
- वर्ष 1975 में इस समुदाय की आबादी 2000 थी, जो 25 गाँवों तक सीमित थी। वर्ष 2016 से 2020 के मध्य राजीव गांधी विश्वविद्यालय के लुप्तप्राय भाषा विभाग द्वारा व्यापक क्षेत्र अनुसंधान तथा इस समुदाय के दस्तावेज़ीकरण के दौरान ज्ञात हुआ कि तांगम लोग अब केवल एक गाँव (कुग्गिंग) में ही केंद्रित हैं, जिसमें मात्र 253 तांगम भाषी रहते हैं।
- यूनेस्को वर्ल्ड एटलस ऑफ एनडेंजर्ड लैंग्वेजेज़ (2009) के अनुसार, तांगम ‘तानी समूह’ (Tani group) से सम्बंधित एक मौखिक भाषा है, जो वृहद तिब्बती-बर्मन भाषा परिवार के अंतर्गत गम्भीर संकटापन्न (Critically Endangered) श्रेणी में सूचीबद्ध है।
- तांगम के अलावा मेयोर (meyor) भाषा भी संकटग्रस्त श्रेणी में आती है। इसके अलावा, अन्य भाषाएँ मिजू, मिश्मी, तंग्सा तथा न्यीशी आदि भी असुरक्षित के रूप में चिन्हित हैं।