यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति ने ऑस्ट्रेलिया की ग्रेट बैरियर रीफ को 'संकटग्रस्त' विश्व धरोहर स्थलों की सूची में जोड़े जाने की सिफारिश की है। समिति ने जलवायु परिवर्तन के कारण पड़ने वाले प्रभाव को इस सिफारिश का प्रमुख कारण बताया है। यह जीवित जीवों द्वारा बनाई गई विश्व की सबसे बड़ी एकल संरचना है।
ग्रेट बैरियर रीफ की सुरक्षा और प्रबंधन के लिये ऑस्ट्रेलिया तथा क्वींसलैंड सरकार की रीफ 2050-दीर्घकालिक स्थिरता योजना के बाद भी गंभीर समुद्री तापीय तरंगों के कारण कोरल रीफ पारिस्थितिकी तंत्र को 2015 के बाद से तीन प्रमुख विरंजन घटनाओं का सामना करना पड़ा है।
ग्रेट बैरियर रीफ ऑस्ट्रेलिया में क्वींसलैंड के तट पर कोरल सागर में स्थित है। यह विश्व का सबसे व्यापक और भव्य प्रवाल भित्ति पारिस्थितिकी तंत्र है, जो 2,900 से अधिक भित्तियों तथा 900 द्वीपों से मिलकर बना है। इसे वर्ष 1981 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था।
यह चट्टानी संरचना अरबों छोटे जीवों से निर्मित है, जिन्हें कोरल पॉलीप्स के रूप में जाना जाता है। पॉलीप्स छोटे व मुलायम शरीर वाले जीव होते हैं। उनके आधार पर एक कठोर, सुरक्षात्मक चूने पत्थर का कंकाल होता है, जिसे कैलिकल कहा जाता है। इसी से प्रवाल भित्तियों की संरचना का निर्माण होता है। इन पॉलीप्स में सूक्ष्म शैवाल होते हैं जो उनके ऊतकों के भीतर रहते हैं। प्रवाल और शैवाल का परस्पर (सहजीवी) संबंध होता है।