हाल ही में, चीन द्वारा तियानवेन-1 नाम से अपने मंगल मिशन की शुरुआत की गई। तियानवेन का शाब्दिक अर्थ 'स्वर्ग से सवाल' (Questions to Heaven) है। इस मिशन को लॉन्ग मार्च 5 रॉकेट द्वारा वेनचांग अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया।
- यह चीन का पहला मंगल मिशन है, पूर्व में इसका नाम हुक्सिंग-1 (Huoxing-1) था। ध्यातव्य है कि चीन का पिछला मंगल मिशन यिंगहुओ-1 (YINGHUO-1) वर्ष 2012 में प्रशांत महासागर में गिर कर विफल हो गया था।
- तियानवेन-1 में कुल 13 पे-लोड हैं। यह मंगल ग्रह की सतह पर पानी-बर्फ के सम्भावित भण्डार, मृदा लक्षणों की जाँच के साथ ही वहाँ के वातावरण, विद्युत-चुम्बकीय तथा गुरुत्वाकर्षण क्षेत्रों का भी अध्ययन करेगा। इसमें एक ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर भी शामिल हैं। यह मिशन, मंगल ग्रह की सतह पर जिओ-पेनट्रेटिंग रडार भी स्थापित करेगा, जिससे मंगल ग्रह की सतह पर भू-वैज्ञानिक शोधों में सहायता मिलेगी।
- यह अंतरिक्ष यान मंगल ग्रह के उत्तरी अक्षांशों में स्थित ‘यूटोपिया प्लैनिटिया’ (Utopia Planitia) नामक विशाल मैदान पर लैंड करेगा। विदित है कि मंगल ग्रह के इसी मैदान पर वर्ष 1970 में नासा द्वारा भेजा गया वाइकिंग-2 मिशन भी उतरा था। तियानवेन-1, फरवरी 2021 में मगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश कर जाएगा तथा मई 2021 में इसका रोवर मंगल ग्रह की सतह पर उतरेगा।
- इस अभियान के सफल होने पर चीन, भूतपूर्व सोवियत संघ तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक यान की लैंडिंग कराने वाला तीसरा देश बन जाएगा।