New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 20 May 2024, 11:30 AM | Call: 9555124124

टिक बोर्न वायरस (Tick Borne Virus)

हाल ही में, चीन में एक नए टिक बोर्न वायरस (Tick Borne Virus) के संक्रमण के कारण थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम सहित तेज़ बुखार (Severe Fever with Thrombocytopenia Syndrome- SFTS) नामक बीमारी की वजह से लगभग 7 लोगों की मृत्यु हो गई। यह वायरस बुन्यावायरस (Bunyavirus) परिवार से सम्बंधित है।

  • यद्यपि, यह बीमारी मनुष्यों में किलनी (टिक) जैसे कीड़ों के काटने से फैलती है लेकिन चीन के वैज्ञानिकों के अनुसार इसका मनुष्य से मनुष्य संक्रमण भी सम्भव है। इससे पहले वर्ष 2020 की शुरुआत में चीन के जिआंगसू प्रांत में भी इस वायरस का संक्रमण देखा गया था।
  • वर्तमान में इस संक्रमण में मृत्यु दर लगभग 16-30% है। इसकी उच्च संक्रमण तथा मृत्यु दर के कारण एस.एफ.टी.एस. (SFTS) वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्राथमिकता वाले शीर्ष 10 रोगों की सूची में रखा है।
  • एशियाई टिक (Asian Tick) या ‘हेमाफिसलिस लॉन्गिकोर्निस’ (Haemaphysalis Longicornis) इस वायरस का प्राथमिक वाहक है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह वायरस सामान्यतः बकरियों, मवेशियों, हिरणों और भेड़ों जैसे जानवरों से मनुष्यों में फैलता है।
  • इसकी रोगोद्भवन अवधि (incubation period) 7 से 13 दिन की है। बुखार, थकान, ठंड लगना, सिरदर्द, लसीका तंत्र में समस्या (lymphadenopathy), भूख न लगना, मतली, उल्टी, दस्त, पेट में दर्द, मसूड़ों से रक्तस्राव, नेत्र रोग आदि इसके लक्षण हैं। यद्यपि अभी इसके उपचार के लिये कोई टीका विकसित नहीं हुआ है लेकिन एंटीवायरल दवा रिबाविरिन (Ribavirin) इस बीमारी के इलाज में प्रभावी मानी जाती है।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR