हाल ही में, वैज्ञानिकों ने हमारी आकाशगंगा मिल्की-वे में अवस्थित संभवतः अब तक के ज्ञात सबसे छोटे ब्लैक होल की खोज की है। वैज्ञानिकों ने इसे 'यूनिकॉर्न' नाम दिया है।
वैज्ञानिकों के अनुसार यूनिकॉर्न का द्रव्यमान सूर्य से तीन गुना है। लाल दैत्य (Red giant) नामक एक चमकता हुआ तारा, बाइनरी स्टार सिस्टम (V723 Mon) में इस ब्लैक होल की परिक्रमा करता है। ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण बल इतना सशक्त होता है कि प्रकाश भी इनसे होकर नहीं गुज़र सकता है।
यह ब्लैक होल पृथ्वी से लगभग 1,500 प्रकाशवर्ष की दूरी पर अवस्थित है। यह पृथ्वी के सर्वाधिक नज़दीक अवस्थित ब्लैक होल है। वस्तुतः जब बड़े-बड़े तारे मृत हो जाते हैं और उनका क्रोड विनष्ट हो जाता है, तब इस तरह के ब्लैक होल बनते हैं।
ब्लैक होल तीन प्रकार के होते हैं। इनमें सबसे छोटे यूनिकॉर्न जैसे होते हैं, इन्हें तारकीय द्रव्यमान वाले ब्लैक होल कहा जाता है क्योंकि इनका निर्माण किसी एक तारे के गुरुत्वाकर्षण का पतन (Garvitational collapse) होने से होता है। इसके अलावा, कुछ विशालकाय और मध्यम आकार वाले ब्लैक होल भी होते हैं।