व्हेल शार्क (Rhincodon typus) उष्णकटिबंधीय और गर्म समशीतोष्ण सागरीय क्षेत्रों में लगभग 30 डिग्री उत्तरी अक्षांश से 35 डिग्री दक्षिणी अक्षांश के मध्य ऐसे सागरीय क्षेत्रों में पाई जाती है, जहाँ तापमान लगभग 21 डिग्री होता है।
यह गहरे-उथले तटीय एवं प्रवाल भित्ति वाले खुले जल क्षेत्रों में पाई जाती है।सामान्यतः इसका आकार 5.5-10 मीटर तक होता है। यह अन्य शार्क मछलियों की तरह माँस भक्षण नहीं करती है। यह समुद्री जल को फिल्टर करती है और छोटे प्लवकों को खाती है। अतः इसे ‘फिल्टर फीडर शार्क’ भी कहा जाता है।
यह सबसे बड़े आकार वाली संकटग्रस्त मत्स्य प्रजाति है। विगत 70 वर्षों में इसकी संख्या आधे से अधिक कम हो गई है।
वर्तमान में, आई.यू.सी.एन. की रेड लिस्ट में इन्हें संकटग्रस्त (Endangered) श्रेणी में शामिल किया गया है, जबकि आगामी 5 वर्षों में इनके गंभीर रूप से संकटग्रस्त (critically endengered) की श्रेणी में आ जाने का खतरा है।
वर्ष 2001 में इन्हें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम,1972 की अनुसूची-1 में शामिल किया गया था। विदित है कि भारत शार्क मत्स्यन वाले राष्ट्रों में दूसरे स्थान पर है।