ज़ीलैंडिया एक भौगोलिक संरचना है, हालिया खोजों के आधार पर वैज्ञानिकों व भूविज्ञानियों ने इसे विश्व का आठवाँ महाद्वीप माना है। चूँकि यह कोई नवीन विकसित संरचना नहीं है, अतः इसे ‘लुप्त महाद्वीप’ (Lost Continant) पद से भी सम्बोधित किया जाता है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि यह ‘वृहद् महाद्वीप गोंडवाना’ का हिस्सा था जो लगभग 8 करोड़ वर्ष पूर्व उससे अलग हो गया था। वर्तमान में भौगोलिक रूप से यह भूमध्यरेखा के दक्षिण में प्रशांत महासागर में अवस्थित है।
- इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 45 लाख वर्ग किलोमीटर है, जिसका करीब 94% भाग पानी में डूबा हुआ है। इसके तीन प्रमुख भूखंड हैं, जिनका उत्तर से दक्षिण क्रम है- न्यू कैलेडोनिया (फ्रांस), उत्तरी द्वीप (न्यूज़ीलैंड) व दक्षिणी द्वीप (न्यूज़ीलैंड)। न्यूज़ीलैंड के उत्तरी व दक्षिणी द्वीप को ‘कुक जलसंधि’ पृथक करती है। इसके अलावा, ज़ीलैंडिया का पश्चिमी विस्तार ऑस्ट्रेलिया के ‘केन पठार’ तक है।
- उल्लेखनीय है कि मकर रेखा ज़ीलैंडिया से होकर गुज़रती है, जो न्यू कैलेडोनिया व न्यूज़ीलैंड के उत्तरी द्वीप को अलग करती है। न्यू कैलेडोनिया की राजधानी ‘नौमिया’ (Noumea) है। न्यूज़ीलैंड की राजधानी ‘वेलिंगटन’ उत्तरी द्वीप पर, जबकि इसकी सर्वोच्च चोटी ‘माउंट कुक’ दक्षिणी द्वीप पर अवस्थित है।
- ‘ज़ीलैंडिया’ के नवीन मानचित्र का निर्माण, ‘द जनरल बेथीमैट्रिक चार्ट ऑफ ओशन’ (GEBCO) व ‘निप्पोन फाउंडेशन’ की मानचित्र सम्बंधी संयुक्त वैश्विक पहल “सी-बेड 2030” (Seabed 2030) के तहत किया गया है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2030 तक सम्पूर्ण विश्व के महासागर नितल का मानचित्रण करना है।