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पीएम-कुसुम (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान)

प्रारंभिक परीक्षा के लिए – पीएम-कुसुम
मुख्य परीक्षा के लिए : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 - सरकारी नीतियाँ 

pm-kusum

योजना का नाम 

प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान

आरंभ 

19 फरवरी, 2019  

नोडल मंत्रालय 

नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय

लक्ष्य

किसानों को वित्तीय और जल सुरक्षा प्रदान करना

क्रियान्वयन क्षेत्र

सभी राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश 

आधिकारिक बेवसाइट 

pmkusum.mnre.gov.in

kusum-scheme

उद्देश्य

  • ऊर्जा और जल सुरक्षा प्रदान करने के लिए कृषि क्षेत्र को डीज़ल मुक्त करना। 
  • सौर ऊर्जा का उत्पादन करके किसानों के लिए अतिरिक्त आय उत्पन्न करना।  

मुख्य विशेषताएं

mnre

  • यह किसानों के लिए देश में सौर पंप और ग्रिड से जुड़े सौर और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए एक योजना है।
  • नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की राज्य नोडल एजेंसियां योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों, डिस्कॉम और किसानों के साथ समन्वय करेंगी।
  • योजना में तीन घटक शामिल हैं, इन घटकों के अंतर्गत वर्ष 2022 तक 30.8 गीगावाट की अतिरिक्त सौर उर्जा क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है -
    • घटक ए - 10,000 मेगावाट विकेंद्रीकृत ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 2 मेगावाट तक है।
    • घटक बी - 20 लाख सौर ऊर्जा संचालित कृषि पंपों की स्थापना
    • घटक सी - 15 लाख मौजूदा ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों का सोलराइजेशन
  • इस योजना के अंतर्गत नलकूपों और वर्तमान सरकारी पंपों को नवीकरणीय ऊर्जा पर संचालित करने के लिए रूपांतरित किया जाएगा।

योजना के लाभ 

  • यह योजना ग्रामीण भूस्वामियों के लिए 25 वर्षों की अवधि के लिए उनकी सूखी/बंजर भूमि का उपयोग करके आय का एक स्थिर और निरंतर स्रोत प्रदान करेगी।
  • सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए खेती वाले खेतों का चयन किये जाने पर किसान फसलों को उगाना जारी रख सकते हैं क्योंकि सौर पैनलों को न्यूनतम ऊंचाई से ऊपर स्थापित किया जायेगा।
  • सोलर पंप डीजल पंपों को चलाने के लिए डीजल पर होने वाले खर्च को बचाएंगे और किसानों को डीजल पंप चलाने से होने वाले हानिकारक प्रदूषण को रोकने के अलावा सौर पंपों के माध्यम से सिंचाई का एक विश्वसनीय स्रोत प्रदान करेंगे।
  • किसान सौर संयंत्रों से उत्पन्न बिजली को बिजली वितरण कंपनियों को बेच सकते हैं।
  • यह योजना हरित अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगी। 
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