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जलवायु परिवर्तन के कारण उभयचर प्रजातियाँ खतरे में

प्रारंभिक परीक्षा – उभयचर प्रजातियाँ 
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3

संदर्भ

  • मेंढक, सैलामैंडर, न्यूट्स और अन्य सहित उभयचर, अपनी अनूठी जीव विज्ञान और पारगम्य त्वचा के कारण विश्व स्तर पर सबसे खतरनाक जानवर माने जाते हैं।

Amphibian-species

प्रमुख बिंदु

  • नेचर जर्नल पत्रिका में प्रकाशित उभयचर प्रजातियों के वैश्विक मूल्यांकन के अनुसार, उभयचर की 41% प्रजातियाँ विलुप्त होने के कगार पर हैं।
  • यह चिंताजनक आंकड़ा 2004 में किए गए अंतिम मूल्यांकन में बताए गए 39% से अधिक है।
  • जिनमें मेंढक, सैलामैंडर, न्यूट्स और अन्य उभयचर प्रजातियां शामिल हैं यह प्रजाति अपने अद्वितीय जीव विज्ञान और पारगम्य त्वचा के कारण विश्व स्तर पर सबसे खतरनाक जानवर मानें जाते हैं।

उभयचर प्रजातियों के विलुप्त होने के कारण 

  • खेती और पशुपालन के विस्तार के कारण निवास स्थान के नुकसान को इन प्राणियों के लिए प्राथमिक खतरे के रूप में पहचाना गया है। इसके अतिरिक्त नई बीमारियाँ और जलवायु परिवर्तन से उभयचर प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं।
  • जलीय या भूमि वातावरण में परिवर्तन उनके जीवन चक्र को बाधित कर सकता है। 
  • उनकी नाजुक त्वचा, जिसका उपयोग वे सांस लेने के लिए ऑक्सीजन को अवशोषित करने के लिए करते हैं, उन्हें रासायनिक प्रदूषण, बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण से असुरक्षित छोड़ देती है। 
  • इसके अतिरिक्त, जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान और नमी के स्तर में उतार-चढ़ाव से वे महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित हो रहे हैं।
  • उदाहरण के लिए मेंढक, आमतौर पर रात्रिचर जीव, यदि तापमान बहुत अधिक हो तो रात में भी बाहर नहीं निकल सकते, क्योंकि उनकी त्वचा के माध्यम से अत्यधिक पानी खोने का खतरा होता है। वहीँ आश्रययुक्त विश्राम स्थलों में रहने से उनकी भोजन और प्रजनन गतिविधियाँ प्रतिबंधित हो जाती हैं।

उभयचर प्रजाति की विशेषता

  • ये प्रजाति जल एवं स्थल दोनों जगहों पर पाये जाते हैं ये नम/आर्द्र तथा जलीय स्थानों पर पाए जाते हैं।
  • इन प्रजातियों में रीढ़ की हड्डियाँ पायी जाती हैं तथा इनके खून ठंडे वाले होते हैं।
  • ये जीव सामान्यतःरात्रिचर होते हैं तथा ये अपनी त्वचा के माध्यम से सांस ले सकते हैं। ये अपने अंडों को बाहरी रूप से निषेचित कर सकते हैं। ये शाकाहारी तथा मांसाहारी होते हैं।
  • 2016 के बाद 2023 वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे गर्म वर्ष है, जिसने इन प्राणियों की दुर्दशा को और बढ़ा दिया है। 
  • लुप्तप्राय उभयचर प्रजातियों की सबसे बड़ी सांद्रता कैरेबियाई द्वीपों, उष्णकटिबंधीय एंडीज़, मेडागास्कर और श्रीलंका सहित कई जैव विविधता वाले हॉटस्पॉटों में पहचानी गई थी। बड़ी संख्या में खतरे वाले उभयचरों वाले अन्य स्थानों में ब्राज़ील का अटलांटिक वन, दक्षिणी चीन और दक्षिण-पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
  • 27 अतिरिक्त गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों को अब संभवतः विलुप्त माना जा रहा है, कुल मिलाकर 160 से अधिक गंभीर रूप से लुप्तप्राय उभयचर हैं जिन्हें संभवतः विलुप्त माना गया है। 
  • 1980 के बाद से 120 प्रजातियों ने अपनी रेड लिस्ट स्थिति में सुधार किया है। 

उभयचर संरक्षण के लिए एक कार्य योजना

  • संरक्षण कार्रवाई के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में जिन 63 प्रजातियों में सुधार हुआ, उनमें से अधिकांश में आवास संरक्षण और प्रबंधन के कारण सुधार हुआ। 
  • उभयचर को बचाने के कारणों में चिकित्सा, कीट नियंत्रण, पर्यावरणीय परिस्थितियों के प्रति सचेत करना आदि शामिल है।
  • कार्बन-भंडारण पारिस्थितिकी तंत्र को स्वस्थ रखने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के कारण उभयचरों की सुरक्षा और बहाली जलवायु संकट का समाधान है।

सरीसृप बनाम उभयचर

क्रमांक

विशेषता

सरीसृप

उभयचर

1.

परिचय

सरीसृप ऐसे जानवर हैं जो अपना जीवन ज़मीन पर बिताते हैं, हवा में सांस लेते हैं और अंडे देते हैं।

उभयचर जानवरों का एक समूह है जो जमीन के साथ-साथ पानी में भी रहते हैं।

2.

साँस लेने की विधि

फेफड़े

फेफड़े और गलफड़े

3.

रक्षा करना

वे नाखूनों, दांतों के माध्यम से विषाक्त पदार्थों का स्राव करते हैं। कुछ के दांत और नाखून जहरीले होते हैं। सरीसृपों के पास शारीरिक सुरक्षा का एक पैमाना होता है।

वे काट सकते हैं, त्वचा से विषाक्त स्राव कर सकते हैं।

4.

विकास

जन्म के समय वे एक जैसे दिखने वाले लघु वयस्क होते हैं।

फेफड़े विकसित होने तक प्राथमिक रूप से गलफड़ों से सांस लेता है।

5.

निषेचन

आंतरिक निषेचन और वे अंडप्रजक के साथ-साथ सजीवप्रजक भी होते हैं।

बाह्य निषेचन और वे अंडाकार होते हैं।

6.

त्वचा प्रकार

त्वचा शुष्क, कठोर और केराटिन शल्कों से ढकी होती है

त्वचा अत्यधिक छिद्रपूर्ण होने के साथ चिकनी, नम और चिपचिपी होती है।

7.

अंडे

अंडे कठोर सुरक्षा कवच से ढके होते हैं। वे जमीन पर अंडे देते हैं या अंडे सेने तक शरीर में ही रहते हैं।

अंडे बिना किसी हार्डकवर के जेल से ढके होते हैं। आमतौर पर ये पानी या नमी वाली जगहों पर अंडे देते हैं।

8.

हृदय संरचना

सरीसृपों का हृदय 3-कक्षीय (3 कक्ष लेकिन 1 निलय) होता है जो एक स्पेक्ट्रम के माध्यम से आगे विभाजित होता है।

उभयचरों का हृदय 3-कक्षीय होता है।

9.

अंग

सरीसृपों के पास दौड़ने और तैरने के लिए अंग होते हैं। कुछ के कोई अंग नहीं हैं। जैसे- साँप एवं कुछ धीमी गति से चलते हैं या रेंगते हैं जबकि कुछ दौड़ सकते हैं, कूद सकते हैं, चढ़ सकते हैं। जैसे- छिपकली ।

उनके पास जालीदार अंग होते हैं जो उन्हें तैरने में मदद करते हैं।

10.

उदाहरण

साँप, छिपकली, कछुए, मगरमच्छ। 

मेंढक, सैलामैंडर, टॉड, न्यूट्स।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न : निम्नलिखित प्रजातियों पर विचार कीजिए:

  1. मगरमच्छ
  2. टॉड
  3. छिपकली

उपर्युक्त में से कितने उभयचर प्रजाति के अंतर्गत नहीं आते हैं ?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीन 

(a) कोई भी नहीं

उत्तर : (b)

मुख्य परीक्षा प्रश्न : जलवायु परिवर्तन बहुत से जीव- जंतु के विनाश का कारण है कैसे स्पष्ट करें?

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