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आजादी का अमृत महोत्सव एवं राष्ट्रीय संकल्प

संदर्भ

15 अगस्त, 2022 को भारत ने स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण किये। 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने देश को लाल किले के प्राचीर से संबोधित किया। इसमें प्रधानमंत्री ने मुख्यत: पञ्च प्राण, नारीशक्ति, आज़ादी का अमृत महोत्सव तथा हर घर तिरंगा अभियान पर बल दिया। इस उपलक्ष्य में ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ शीर्षक के साथ विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। 

पञ्च प्रण

  • प्रधानमंत्री ने अगले 25 वर्षों में एक विकसित भारत सुनिश्चित करने के लिये लोगों से बुराइयों के प्रति 'नफरत' (घृणा) रखने और ' पञ्च प्राण' (पाँच संकल्प) पर ध्यान केंद्रित करने के लिये कहा।   
  • उन्होंने वर्ष 2047 तक भारत की स्वतंत्रता की शताब्दी पर देश के लिये स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करने हेतु ‘पञ्च प्राण’ का उच्चारण किया। 
  • इन पाँच संकल्पों में शामिल हैं-
    • विकसित भारत का संकल्प;
    • औपनिवेशिक मानसिकता को जड़ से समाप्त करना;
    • अपनी विरासत पर गर्व का भाव;
    • एकता और एकजुटता;
    • नागरिकों के कर्तव्य।

नारी शक्ति पर बल 

  • प्रधानमंत्री ने  अपने संबोधन में विश्व को भारत की ‘नारी शक्ति’ का सही अर्थ दिखाने के लिये महिला स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी और कई नामों जैसे- रानी लक्ष्मीबाई, दुर्गा भाभी, रानी गैडिन्ल्यू आदि का उल्लेख किया।
  • ​​रानी लक्ष्मीबाई को वर्ष 1857 में भारत की स्वतंत्रता के पहले संघर्ष में उनकी भूमिका के लिये जाना जाता है। रानी लक्ष्मीबाई की महिला सेना दुर्गा दल के सैनिकों में झलकारी बाई का नाम भी उल्लेखनीय है।
  • दुर्गा भाभी नौजवान भारत सभा की सदस्य थी। इन्होंने वर्ष 1928 में ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन पी. सॉन्डर्स की हत्या के बाद भगत सिंह को लाहौर से भागने में मदद की थी।
  • वर्ष 1915 में वर्तमान मणिपुर में जन्मी रानी गैडिन्ल्यू नागा आध्यात्मिक और राजनीतिक नेता थीं, जिन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया। वह हेराका धार्मिक आंदोलन में शामिल हो गईं जिसने बाद में अंग्रेजों के विरोध में एक सशक्त आंदोलन का रूप ले लिया।
  • रानी चेन्नम्मा कित्तूर की रानी थी जिन्होंने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध सशस्त्र विद्रोह का नेतृत्व किया। कित्तूर वर्तमान कर्नाटक में एक रियासत थी। इन्होंने अपने पहले विद्रोह में अंग्रेजों को हराया, लेकिन ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा दूसरे हमले के दौरान उन्हें कैद कर लिया गया।
  • बेगम हजरत महल अवध के नवाब वाजिद अली शाह की पत्नी थी। इन्होंने 1857 के विद्रोह में अपने समर्थकों के साथ अंग्रेजों से लोहा लिया तथा लखनऊ पर नियंत्रण कर लिया। औपनिवेशिक शासकों द्वारा इस क्षेत्र पर पुनः कब्जा करने के बाद उन्हें पीछे हटने के लिये मजबूर होना पड़ा।

आजादी का अमृत महोत्सव 

  • यह भारत सरकार की आजादी के 75 वर्ष और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को स्मरण करने एवं इसे एक उत्सव के रूप में मनाने के लिये आयोजित एक पहल है।
  • इस महोत्सव की शुरुआत 12 मार्च, 2021 से हुई, जो स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ से 75 सप्ताह पूर्व शुरू किया गया और यह 15 अगस्त, 2023 को एक वर्ष पश्चात् समाप्त होगी। आज़ादी का अमृत महोत्सव के निम्नलिखित पांच विषय हैं:
  • स्वतंत्रता संग्राम
    • यह स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े गुमनाम नायकों को याद करने से संबंधित एक पहल है। इसके माध्यम से उन गुमनाम नायकों की कहानियों को जीवंत किया जा रहा है जिनके बलिदान ने देश की स्वतंत्रता में अपना योगदान दिया
    • इसके तहत बिरसा मुंडा जयंती (जनजातीय गौरव दिवस), नेताजी द्वारा स्वतंत्र भारत की अनंतिम सरकार की घोषणा, शहीद दिवस आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
  • विचार @75
    • यह पहल उन विचारों और आदर्शों से प्रेरित कार्यक्रमों और घटनाओं पर केंद्रित है, जो अमृत काल (भारत@75 और भारत@100 के बीच 25 वर्ष) की अवधि के दौरान हमारा मार्गदर्शन करेंगे।
    • इसके अंतर्गत काशी की भूमि के हिंदी साहित्यकारों को समर्पित काशी उत्सव, प्रधानमंत्री को पोस्ट कार्ड जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। प्रधानमंत्री को पोस्ट कार्ड कार्यक्रम के तहत 75 लाख से अधिक बच्चे वर्ष 2047 में भारत के बारे में अपना दृष्टिकोण और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों के संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिख रहे हैं।
  • संकल्प@75
    • यह पहल देश के स्वर्णिम भविष्य को आकार देने के हमारे सामूहिक संकल्प और दृढ़ संकल्प पर केंद्रित है। वर्ष 2047 की यात्रा के लिये देश के प्रत्येक नागरिक को व्यक्तियों, समूहों, नागरिक समाज आदि के रूप में अपनी प्रभावी भूमिका को निभाने की आवश्यकता है।
    • हमारे विचार सामूहिक संकल्प, सुनियोजित कार्य योजनाओं और दृढ़ प्रयासों से ही कार्यों में परिणत होंगे। इसके तहत आयोजित कार्यक्रमों में संविधान दिवस, सुशासन सप्ताह आदि पहलें शामिल हैं जो 'ग्रह और लोगों' (‘PLANET AND PEOPLE’) के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को जीवंत करने में सहायता करती हैं। 
  • कार्यवाई@75
    • इस पहल के तहत नीतियों को लागू करने और प्रतिबद्धताओं को साकार करने के लिये उठाए जा रहे कदमों पर प्रकाश डालते हुए भारत को नई विश्व व्यवस्था में अपना सही स्थान दिलाने में मदद करना हैं।
    • यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ,सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के आह्वान से प्रेरित है। 
  • इसमें सरकारी नीतियों, योजनाओं, कार्य योजनाओं के साथ-साथ व्यवसायों, गैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समाज की प्रतिबद्धताओं को शामिल किया गया है जो हमारे विचारों को साकार करने और सामूहिक रूप से बेहतर कल बनाने में हमारी मदद करता है। 
    • इसके तहत कार्यक्रमों में गति शक्ति - मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के लिये राष्ट्रीय मास्टर प्लान जैसी पहल शामिल हैं।
  • उपलब्धियां@75
    • इस पहल का उद्देश्य 5000 से भी अधिक वर्षों के प्राचीन इतिहास की विरासत के साथ 75 वर्ष पुराने स्वतंत्र देश के रूप में हमारी सामूहिक उपलब्धियों के सार्वजनिक संग्रह को विकसित करना है।
    • इसके तहत आयोजित कार्यक्रमों में वर्ष 1971 की जीत के लिये समर्पित स्वर्णिम विजय वर्ष, महापरिनिर्वाण दिवस के दौरान श्रेष्ठ योजना का शुभारंभ आदि पहलें शामिल हैं।

हर घर तिरंगा अभियान

  • 'हर घर तिरंगा' आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में आयोजित एक अभियान है। इसके तहत भारत की आजादी के 75 वें वर्ष को चिह्नित करने के लिये  13 से 15 अगस्त के बीच तिरंगा फहराने का आह्वान किया गया। 
  • ध्वज के साथ हमारा संबंध हमेशा व्यक्तिगत से अधिक औपचारिक और संस्थागत रहा है। स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में एक राष्ट्र के रूप में ध्वज को सामूहिक रूप से घर लाने से न केवल तिरंगे से व्यक्तिगत संबंध की स्थापना हुई है बल्कि राष्ट्रीय ध्वज राष्ट्र-निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक भी बन गया है। 
  • इस पहल का उद्देश्य लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाना और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है।
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