New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 20 May 2024, 11:30 AM | Call: 9555124124

कावेरी जल विवाद

प्रारम्भिक परीक्षा – कावेरी जल विवाद 
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन पेपर-1और 3

सन्दर्भ

  • तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि वह कर्नाटक से कावेरी जल के उचित हिस्से को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी क्योंकि पड़ोसी राज्य ने कावेरी जल प्रबंधन की बैठक के दौरान तमिलनाडु के साथ पानी साझा करने से इनकार कर दिया है।

kaveri

मुख्य बिन्दु

  • 10 अगस्त को कावेरी जल नियामक समिति की बैठक के दौरान तमिलनाडु को 15,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया था। 
  • कर्नाटक ने 11 अगस्त को नई दिल्ली में सीडब्ल्यूएमए की बैठक के दौरान अपने वक्तव्य में संशोधन किया और कहा कि वह केवल 8,000 क्यूसेक पानी छोड़ेगा, वह भी 22 अगस्त को।
  • तमिलनाडु ने कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) की बैठक से बहिर्गमन किया, जब कर्नाटक ने कथित तौर पर तमिलनाडु को देय 37.9 हजार मिलियन क्यूबिक फीट (टीएमसी फीट) पानी छोड़ने पर सहमति देने से इनकार कर दिया।
  • तमिलनाडु ने सीडब्ल्यूएमए से दैनिक आधार पर पानी छोड़ने के निर्देश जारी करने की मांग की। हालाँकि, कर्नाटक ने तमिलनाडु की माँगों को मानने से इनकार कर दिया।

कावेरी जल विवाद का क्या है मुद्दा ?

  • कावेरी बेसिन का कुल जलसंभरण 81,155 वर्ग किलोमीटर है। जिनमें से कर्नाटक में नदी का जल संभरण क्षेत्र लगभग 34,273 वर्ग किलोमीटर है। केरल में कुल जल संभरण क्षेत्र 2,866 वर्ग किलोमीटर है तथा तमिलनाडु और पांडिचेरी में शेष 44,016 वर्ग किलोमीटर जल संभरण क्षेत्र है।
  • कावेरी नदी 3 राज्य  कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु तथा 1 केन्द्रशासित प्रदेश पुदुचेरी में प्रवाहित होती है। 

कावेरी नदी जल विवाद के संबंध में न्यायिक निर्णय

  • कावेरी नदी जल विवाद के संबंध में न्‍यायनिर्णयन करने के लिए भारत सरकार ने 2 जून, 1990 को कावेरी जल विवाद अधिकरण (सीडब्‍लूडीटी) का गठन किया।
  • कावेरी जल विवाद अधिकरण (सीडब्‍लूडीटी) ने कर्नाटक राज्‍य को कर्नाटक में अपने जलाशय से पानी छोड़ने का निर्देश देते हुए 25 जून, 1991 को एक अंतरिम आदेश पारित किया था। 
  • जिसके अनुसार किसी जल वर्ष में (1 जून से 31 मई के बीच) मासिक रूप से या साप्‍ताहिक आकलन के रूप में तमिलनाडु के मेटूर जलाशय को 205 मिलियन क्‍यूबिक फीट (टलएमसी) पानी सुनिश्‍चित हो सके।
  • किसी विशेष महीने के संदर्भ में चार बराबर किस्‍तों में चार सप्‍ताहों में पानी छोड़ा जाना होता है। यदि किसी सप्‍ताह में पानी की अपेक्षित मात्रा को जारी करना संभव नहीं हो तो उक्‍त कमी को बाद के सप्‍ताह में छोड़ा जाएगा। 
  • विनियमित तरीके से तमिलनाडु राज्‍य द्वारा पांडिचेरी संघ राज्‍य क्षेत्र के काराइकेल क्षेत्र के लिए 6 टीएमसी जल दिया जाएगा।

कावेरी नदी परिचय :

kaveri-river

  • कावेरी नदी कर्नाटक के कुर्ग जिले में स्थित ब्रम्हगिरी की पहाड़ियों से निकलती है तथा बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाता है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई लगभग 1341 मीटर है। उसकी कुल लंबाई 800 किलोमीटर है।
  • इसे दक्षिण भारत की गंगा के रूप में भी माना जाता है। शिवसमुद्रम जलप्रपात तथा श्रीरंगपट्टम एवं शिवसमुद्रम द्वीपों की उपस्थिति इसका महत्व बढ़ाती है। सिमसा, हिमावती, भवानी आदि इसकी उपनदियां है। तिरुचिरापल्ली कावेरी नदी के किनारे बसा हुआ हिंदुओं का प्रमुख तीर्थ स्थल  है।
  • कवि त्यागराज  ने इसका वर्णन अपनी कविताओं में कई जगह किया है।भक्तगण इसे अपनी माँ के समान मानते हैं।इसके उद्गमस्थल कावेरी कुंड में हर साल देवी कावेरी का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
  • दक्षिण की प्रमुख नदी कावेरी का विस्तृत विवरण विष्णु पुराण में दिया गया है।यह सह्याद्रि पर्वत के दक्षिणी छोर से निकल कर दक्षिण-पूर्व की दिशा में कर्नाटक  और तमिलनाडु  से बहती हुई लगभग 800 किमी मार्ग तय कर कावेरीपट्टनम के पास बंगाल की खाड़ी  में मिल जाती है।
  • कावेरी नदी में मिलने वाली मुख्य नदियों में हरंगी, हेमवती, नोयिल, अमरावती, सिमसा , लक्ष्मणतीर्थ, भवानी, काबिनी मुख्य हैं।कावेरी नदी के तट पर अनेक प्राचीन तीर्थ तथा ऐतिहासिक नगर बसे हैं।
  • कावेरी नदी तीन स्थानों पर दो शाखाओं में बंट कर फिर एक हो जाती है, जिससे तीन द्वीप बन गए हैं, उन द्वीपों पर क्रमश: आदिरंगम, शिवसमुद्रम तथा श्रीरंगम नाम से श्री विष्णु भगवान के भव्य मंदिर हैं।यहाँ स्थित शिवसमुद्रम जल प्रपात प्रसिद्ध स्थल है। यह मैसूर नगर से क़रीब 56 कि.मी. उत्तर-पूरब में कावेरी के दोआब में बसा है।

नदी जल विवाद से उत्पन्न समस्या का समाधान 

  • भारतीय राज्यों को क्षेत्रीय दृष्टिकोण को त्याग कर राष्ट्रीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। किसी भी समस्या का समाधान सहयोग और समन्वय में निहित होता है, न कि संघर्ष में। 
  • स्थायी एवं पारिस्थितिक रूप से व्यवहार्य समाधान के लिये बेसिन स्तर पर योजना तैयार की जानी चाहिये।
  • दीर्घावधि में वनीकरण, रिवर लिंकिंग आदि के माध्यम से नदी का पुनर्भरण किये जाने और जल के दक्षतापूर्ण उपयोग (जैसे- सूक्ष्म सिंचाई आदि) को बढ़ावा देने के साथ-साथ जल के विवेकपूर्ण उपयोग हेतु लोगों को जागरूक करने तथा जल स्मार्ट रणनीतियों को अपनाए जाने की आवश्यकता है।

प्रारम्भिक परीक्षा  

प्रश्न : शिवसमुद्रम जल प्रपात किस नदी पर स्थित है?

(a) गोदावरी नदी

(b) कृष्णा नदी

(c) कावेरी नदी

(d) पेन्नार नदी

उत्तर (c)

मुख्य परीक्षा 

प्रश्न: भारत में नदी जल विवाद से उत्पन्न समस्याओं के समाधान पर प्रकश डालें!

Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR