New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 20 May 2024, 11:30 AM | Call: 9555124124

बाह्य ग्रह की खोज 

चर्चा में क्यों 

हाल ही में, शोधकर्ताओं ने पहली बार नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का उपयोग करते हुए एलएचएस 475 बी नामक एक बाह्य ग्रह (Exoplanet) की खोज की है। 

प्रमुख बिंदु 

  • यह एक ऐसा ग्रह जो एक लाल बौने तारे की परिक्रमा कर रहा है। यह ग्रह पृथ्वी के समान आकार का है जिसका व्यास पृथ्वी के व्यास का लगभग 99% है।
  • यह पृथ्वी से 41 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। यह ग्रह तारे के बहुत करीब है। यहीं कारण है कि यह केवल दो दिनों में अपनी कक्षा का एक चक्कर पूरा करता है।
  • विदित है कि जेम्स वेब एकमात्र टेलीस्कोप है जो बाह्य ग्रहों का बेहतर अध्ययन करने में सक्षम है। यह दूर के तारों की परिक्रमा करने वाले पृथ्वी के आकार के ग्रहों के वायुमंडल को चित्रित करने में सक्षम है।  

लाल बौने तारे

लाल बौने तारे अधिक प्रकाश विकीर्ण नहीं करते हैं, इसलिये पृथ्वी से नग्न आंखों से इनका पता लगाना कठिन होता है। लेकिन ये अन्य तारों की तुलना में मंद प्रकाश उत्सर्जित करते हैं इसलिये इनकी परिक्रमा करने वाले बाह्य ग्रहों की खोज आसान होती है। 

क्या है बाह्य ग्रह

  • वे ग्रह जो अन्य तारों की परिक्रमा करते हैं और हमारे सौर मंडल से परे हैं, उन्हें बाह्य ग्रह कहा जाता है। इन ग्रहों को पहली बार दो खगोलविदों ने वर्ष 1992 में लगभग 2,000 प्रकाश वर्ष दूर देखा था।
  • नासा के अनुसार, अब तक 5,000 से अधिक बाह्य ग्रहों की खोज की जा चुकी है, जिनमें से अधिकांश बाह्य ग्रहों का आकार बृहस्पति के समान हैं।
  • हमारे सौर मंडल का निकटतम बाह्य ग्रह प्रॉक्सिमा सेंटॉरी बी है, जो लगभग 4.25 प्रकाश वर्ष दूर एक लाल बौने तारे की परिक्रमा कर रहा है। एक प्रकाश वर्ष की दूरी 9.46 ट्रिलियन किलोमीटर के बराबर होती है। 
  • वैज्ञानिकों के अनुसार तारों से ज्यादा ग्रह हैं क्योंकि प्रत्येक तारे का कम से कम एक ग्रह परिक्रमा करता है। ये पृथ्वी या शुक्र की तरह छोटे एवं चट्टानी तथा बृहस्पति या शनि की तरह गैसीय पिंड हो सकते हैं। इनके तापमान में भी अत्यधिक विविधता होती है।

बाह्य ग्रहों का अध्ययन 

आवश्यकता 

  • अन्य सौर मंडलों के संबंध में हमारी समझ का विस्तार
  • हमारे सौरमंडल के ग्रहों की उत्पत्ति के संबंध में जानकारी एकत्र करने में सहायक  
  • ब्रह्मांड में अन्य जीव संभावनाओं की खोज

प्रक्रिया

  • एक बाह्य ग्रह की विशेषताओं को समझने के लिये शोधकर्ता इसके द्रव्यमान एवं व्यास का आकलन करते हैं।
  • इन ग्रहों के ठोस या गैसीय अवस्था में होने के साथ ही इसके वायुमंडल में उपस्थित जलवाष्प की संभावना का भी अध्ययन किया जाता है।
  • अध्ययन का एक अन्य महत्त्वपूर्ण तत्त्व बाह्य ग्रह और उसके मेजबान तारे के मध्य की दूरी का पता लगाना है। इससे वैज्ञानिकों को यह निर्धारित करने में मदद मिलती है कि खोजा गया ग्रह रहने योग्य है या नहीं। यदि बाह्य ग्रह तारे के बहुत करीब है, तो यह बहुत गर्म हो सकता है और बहुत दूर होने पर यह बहुत ठंडा हो सकता है। 
    • गोल्डीलॉक्स ज़ोन- जब कोई ग्रह किसी तारे से ऐसी दूरी पर स्थित होता है जहाँ जल तरल रूप में पाया जा सकता है तो उस क्षेत्र को ‘गोल्डीलॉक्स ज़ोन’ कहा जाता है।

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप

  • यह नासा का अब तक का सबसे बड़ा अंतरिक्ष में भेजा जाने वाला टेलीस्कोप है। इस टेलीस्कोप को दक्षिण अमेरिका स्थित फ्रेंच गुयाना से यूरोपियन एरियन-5 रॉकेट ई.सी.ए. से लॉन्च किया गया था।
  • यह एक विशाल इन्फ्रारेड टेलीस्कोप है, जो ब्रह्मांड के इतिहास के प्रत्येक चरण का अध्ययन करेगा, जिसमें बिग-बैंग व सौर प्रणालियों का निर्माण आदि शामिल है। इस टेलीस्कोप में लगे एक विशाल दर्पण से अंतरिक्ष में देखना संभव होगा। 
  • इस टेलीस्कोप का प्राथमिक दर्पण 18 हेक्सागोनल आकार के दर्पण खंडों से बना हुआ है, जो मधुमक्खी के छत्ते के पैटर्न में एक साथ जुड़े हुए हैं। 

Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR