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हरियाणा सरकार की हथिनीकुंड बैराज को बांध बनाने की योजना 

प्रारम्भिक परीक्षा भूगोल
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र -1

सन्दर्भ

  • दिल्ली और हरियाणा में नदी के आसपास के इलाकों में जुलाई में यमुना के कारण आई बाढ़ की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए, हरियाणा सरकार 6,134 करोड़ रुपये की लागत से एक बांध बनाने की योजना बना रही है। 
  • इसमें 14 किलोमीटर लंबा जलाशय होगा और इसे यमुनानगर जिले में हथिनीकुंड बैराज से 4.5 किलोमीटर ऊपर की ओर बनाया जाएगा।

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प्रमुख बिन्दु 

  • इसके निर्माण के लिए एनएच-73 के 11 किमी लंबे हिस्से को स्थानांतरित करने के अलावा नौ गांवों को विस्थापित किया जाएगा। 
  • यह वन भूमि का एक बड़ा हिस्सा भी जलमग्न कर देगा, जिसमें कालेसर राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य के क्षेत्र भी शामिल हैं।
  • अधिकारियों का कहना है कि एक बार परियोजना पूरी हो जाने पर राज्य को 250 मेगावाट बिजली के उत्पादन के अलावा अतिरिक्त सिंचाई जल, भूजल पुनर्भरण और जलीय कृषि की उपलब्धता के माध्यम से 497 करोड़ रुपये का वित्तीय लाभ मिलेगा।
  • बांध क्षेत्र की सीमा उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से भी लगती है। इसके जलाशय की क्षमता 10.82 लाख क्यूसेक होगी।

haryana

  • यह जुलाई में यमुना में छोड़े गए उच्चतम जल स्तर (3.6 लाख क्यूसेक) का लगभग तीन गुना है, जिससे दिल्ली और हरियाणा में नदी के आसपास के इलाकों में भारी बाढ़ आ गई थी। इसके बाद अगस्त 2019 में भी दिल्ली में यमुना खतरे के निशान को पार कर गई थी।
  • हरियाणा सिंचाई और जल संसाधन विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ, सतबीर सिंह कादियान के अनुसार, इस "परियोजना के निष्पादन के बाद, बाढ़ का पानी जलाशय में संग्रहीत किया जाएगा।
  • दिल्ली और हरियाणा में यमुना के आसपास के इलाकों को बाढ़ से बचाव तथा जलाशय में जमा पानी से पश्चिमी जमुना नहर (डब्ल्यूजेसी) की मौजूदा नहरों में सिंचाई के पानी की तीव्रता में सुधार होगा।''

इस परियोजना से लाभ 

  • रबी फसल सीजन (अक्टूबर-दिसंबर) के दौरान हरियाणा और अन्य राज्यों में लगभग 2.24 लाख एकड़ जमीन की सिंचाई के लिए जलाशय के पानी से सिंचाई की जाएगी। ख़रीफ़ फसल के मौसम (जून-अक्टूबर) के दौरान भी संग्रहित पानी से अतिरिक्त 1.27 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई की जा सकेगी।
  • हरियाणा के चार गाँव - गढ़ी, कलेसर, बंजारवास और ममदुवास - जिन्हें विस्थापित करने का प्रस्ताव है, एक गाँव पंचायत कलेसर का हिस्सा हैं, जिसकी जनसँख्या लगभग 3,000 निवासियों की है। 
  • विस्थापित होने वाले हिमाचल प्रदेश के पांच गांव हैं- बहराल, सतीवाला, बाता मंडी, गंगूवाला और थापरपुर

बांध बनाने से समस्या 

  • गांव के लोगों को अपने घरों और कृषि भूमि के बदले मुआवजे की चिंता है। साथ ही वे यह भी स्वीकार करते हैं कि यमुना नदी उनकी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रही है, साथ ही उनकी आसपास की जमीन भी बहा रही है।
  • हरियाणा-हिमाचल प्रदेश में प्रस्तावित हथनीकुंड बांध के लिए अपने गांव से विस्थापित किये गए लोगों के लिए आवास का आभाव ।
  • "एक गांव से विस्थापित होने के बाद दोबारा बसना मुश्किल होता है।" इस पर सरकार को समाज के व्यापक हित के बारे में भी सोचना चाहिए।

अन्य समस्यायें

  • पानी की गुणवत्ता – बहाव बंद होने से पानी सड़ने लगता है उसकी ताजगी ख़त्म हो जाती है। गंदा पानी इस्तेमाल करने से पीलिया जैसी बीमारी होती है।
  • मीथेन उत्सर्जन– बाँध के जलाशयों में पत्ते, टहनियां और जानवरों की लाशें नीचे जमती हैं और सड़ने लगती है। जिस कारण मीथेन गैस (ग्रीनहाउस गैस) बनने लगती है जो पर्यावरण के लिये हानिकारक है।
  • मीथेन गैस (ग्रीनहाउस गैस) के कारण वैश्विक जलवायु परिवर्तन जैसी समस्या बढ़ती जा रही है ।
  • वनों का डूबना–वन जलाशयों में डूब जाते हैं जिससे इन वनों से मिलने वाली मवेशियों को चारा नहीं मिल पाता है।
  • जैव विविधता–बांधों के कारण पानी रुकने से मछलियों की कई प्रजाति समाप्त हो जाती है जिससे जलीय जैव विविधता को नुकसान होता है।
  • भूस्खलन– बांधो को बनाने के लिये कभी-कभी सुरंग का निर्माण किया जाता है। इन सुरंगों को बनाने के लिये पहाड़ियों में ब्लास्टिंग की जाती है जो पहाड़ियों को अस्थिर कर देता है। जिस कारण भूस्खलन की घटनाएँ बढ़ जाती हैं।
  • मलेरिया के कीटाणुओं की वृद्धि – बांधो के जलाशयों में रुके पानी में मलेरिया के कीटाणु पनपते हैं। जो जलाशयों के नजदीकी क्षेत्र में रह रहे लोगों की बीमारी का करण बनते हैं।

बाढ़ को लेकर दिल्ली और हरियाणा सरकार के बीच विवाद क्या है? 

  • इस साल जुलाई में, दिल्ली में यमुना के पानी के कारण आई बाढ़ दिल्ली सरकार और हरियाणा सरकार के बीच राजनीतिक विवाद का कारण बन गया। 
  • दिल्ली सरकार का मत था कि यमुना का जल स्तर बारिश के कारण नहीं बल्कि हरियाणा द्वारा हथनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण बढ़ रहा है। 
  • जबकि हरियाणा सरकार का मत था कि हथिनीकुंड एक बैराज है, बांध नहीं।
  • "बांधों में जल प्रवाह को नियंत्रित किया जाता है, लेकिन बैराज में पानी को कम मात्रा में ही नियंत्रित किया जा सकता है। 
  • हथिनीकुंड बैराज की क्षमता 1 लाख क्यूसेक है और इस स्तर से ऊपर पानी को रोकना मुश्किल है।"

बांध और बैराज के बीच मुख्य अंतर

बांध

dam

  • बांध एक बड़ी, ठोस संरचना होती है जो किसी नदी या अन्य जलस्रोत पर बनाई जाती है। 
  • इसका मुख्य उद्देश्य पानी को रोकना और एक जलाशय बनाना है, जिसका उपयोग सिंचाई, जलविद्युत उत्पादन या बाढ़ नियंत्रण के लिए किया जा सकता है।
  • बांध आम तौर पर कंक्रीट या मिट्टी से बने होते हैं, और पानी की ताकत को झेलने के लिए पर्याप्त मजबूत होते हैं।
  • बांध आमतौर पर बैराज से बहुत बड़े होते हैं, क्योंकि उन्हें बड़ी मात्रा में पानी रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • बांध आमतौर पर एक लंबी, घुमावदार दीवार के आकार के होते हैं।

बैराज

barrage

  • बैराज एक प्रकार की बांध जैसी संरचना होती है जो किसी नदी या अन्य जलस्रोत पर बनाई जाती है। 
  • इसका मुख्य उद्देश्य पानी के प्रवाह को नियंत्रित करना और उसके स्तर को नियंत्रित करना है, न कि पानी को रोककर जलाशय बनाना है। 
  • बैराज आम तौर पर कंक्रीट, स्टील या मिट्टी से बने होते हैं, और उन्हें पानी के प्रवाह की अनुमति देने के लिए खोलने और बंद करने में सक्षम बनाया जाता है।
  • बांधों की तुलना में बैराज छोटे होते हैं।
  • बैराज आमतौर पर आकार में छोटे और अधिक आयताकार होते हैं।
  • बैराज अपने माध्यम से कुछ पानी बहने की अनुमति देते हैं।

भारत में महत्वपूर्ण बांधों की सूची

क्र.सं

बाँध (Dam)

निर्मित (नदी पर)

राज्य (State)

1.

टिहरी बांध

भागीरथी नदी

उत्तराखंड

2.

हीराकुंड बांध

महानदी

उड़ीसा

3.

सरदार सरोवर बांध

नर्मदा नदी

गुजरात

4.

फरक्का बांध परियोजना

हुगली नदी

पश्चिम बंगाल

5.

उरी बांध

झेलम नदी

जम्मू कश्मीर

6.

इंदिरा सागर बांध

नर्मदा नदी

मध्य प्रदेश

7.

कल्लनाई बांध

कावेरी नदी

तमिलनाडु

8.

दुलहस्ती बांध

चिनाब नदी

जम्मू कश्मीर

9.

सलाल बांध परियोजना

चिनाब नदी

जम्मू कश्मीर

10.

मेट्टूर बांध

कावेरी नदी

तमिलनाडु

11.

बगलिहार बांध

चिनाब नदी

जम्मू कश्मीर

12.

श्रीशैलम बांध

कृष्णा नदी

आंध्रप्रदेश

13.

रणजीत सागर बांध (थीन बांध)

रावी नदी

जम्मू-कश्मीर और पंजाब

14.

इडुक्की बांध

पेरियार नदी

केरल

15.

भाखड़ा नांगल बांध

सतलज नदी

हिमाचल प्रदेश और पंजाब

16.

सोमासिला बांध

पेन्नार नदी

आंध्रप्रदेश

17.

पोंग बांध

व्यास नदी

हिमाचल प्रदेश

18.

पोचमपाद बांध (श्रीराम सागर प्रोजेक्ट)

गोदावरी नदी

तेलंगाना

19.

नाथपा झाकड़ी बांध

सतलज नदी

हिमाचल प्रदेश

20.

नागार्जुन सागर बांध

कृष्णा नदी

तेलंगाना

21.

धौलीगंगा बांध

धौली गंगा नदी

उत्तराखंड

22.

रिहंद बांध

रिहंद नदी

उत्तर प्रदेश

23.

तुंगभद्रा बांध

तुंगभद्रा नदी

कर्नाटक

24.

रानी लक्ष्मीबाई (राजघाट बांध)

बेतवा नदी

उत्तर प्रदेश

25.

अलमाटी बांध

कृष्णा नदी

कर्नाटक

26.

माताटीला बांध

बेतवा नदी

उत्तर प्रदेश

27.

कृष्णा राजा सागर बांध

कावेरी नदी

कर्नाटक

28.

मैथन बांध

बराकर नदी

झारखंड

29.

शिवसमुद्रम बांध परियोजना

कावेरी नदी

कर्नाटक

30.

तिलैया बांध

बराकर नदी

झारखंड

31.

जायकवाडी बांध

गोदावरी नदी

महाराष्ट्र

32.

पंचेत बांध

दामोदर नदी

झारखंड

33.

उजनी बांध

भीमा नदी

महाराष्ट्र

34.

मयूराक्षी बांध परियोजना

मयूराक्षी नदी

पश्चिम बंगाल

35.

कोयना बांध

कोएना नदी

महाराष्ट्र

36.

बीसलपुर बांध

बनास नदी

राजस्थान

37.

बनसुरा सागर बांध

काबिनी नदी

केरल

38.

माही बजाज सागर

माही नदी

राजस्थान

39.

काकरापार बांध

तापी नदी

गुजरात

40.

राणा प्रताप सागर बांध

चंबल नदी

राजस्थान

41.

मुल्लापेरियार बांध

पेरियार नदी

केरल

42.

जवाहर सागर बांध

चंबल नदी

राजस्थान

43.

ओंकारेश्वर बांध परियोजना

नर्मदा नदी

मध्य प्रदेश

44.

गांधी सागर बांध

चंबल नदी

मध्य प्रदेश

45.

उकाई बांध

तापी नदी

गुजरात

प्रारम्भिक परीक्षा प्रश्न :हथिनीकुंड बांध निर्माण परियोजना किस राज्य से संबंधित है ?

(a) हिमाचल प्रदेश 

(b) उत्तराखण्ड

(c) पंजाब 

(d) हरियाणा 

उत्तर : (d)

मुख्य परीक्षा प्रश्न : भारत में बाँध निर्माण से होने वाली समस्या एवं लाभों की व्याख्या कीजिए?

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