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रक्षा मंत्रालय ने छः अपतटीय गश्ती पोतों के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए

प्रारंभिक परीक्षा – अपतटीय गश्ती पोत (offshore patrol vessels)
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3 

चर्चा में क्यों 

रक्षा मंत्रालय ने भारतीय तट रक्षक के लिए अगली पीढ़ी के छह अपतटीय गश्ती जहाजों (Next-Generation Offshore Patrol Vessel ,NGOPVs) की खरीद के लिए 20 दिसंबर, 2023 को मझगांव डॉकयार्ड शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL), मुंबई के साथ 1,614.89 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।

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प्रमुख बिंदु 

  • रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस खरीद का उद्देश्य तटरक्षक बल की समुद्री सुरक्षा क्षमता को बढ़ाना है।
  • रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि खरीदे जा रहे छः जहाजों में से चार मौजूदा पुराने जहाजों की जगह लेंगे और अन्य दो तटरक्षक बेड़े में वृद्धि करेंगे।
  • ये आधुनिक और उच्च तकनीक वाले जहाज आईसीजी द्वारा निगरानी, ​​कानून को लागू करने, खोज और बचाव, समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया और मानवीय सहायता सहित अन्य महत्वपूर्ण क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
  • इन पोतों में कई उच्च तकनीकें, उन्नत सुविधाएं और उपकरण लगे हैं, जिनकी बदौलत 115 मीटर ओपीवीएस(OPVS) बहुउद्देशीय ड्रोन, एआई क्षमता और वायरलेस रूप से नियंत्रित रिमोट वॉटर रेस्क्यू क्राफ्ट लाइफबॉय काम करेंगे।
  • इसके अलावा नए युग की बहुआयामी चुनौतियों का सामना करने के लिए आईसीजी को अधिक अनुकूलता और परिचालन बढ़त प्रदान करेंगे।
  • इन बहुउद्देश्यीय अत्याधुनिक जहाजों को एमडीएल, मुंबई द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा तथा कुल 66 महीनों की अवधि में उपलब्ध करा दिया जाएगा।
  • यह करार देश की स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमता को बढ़ाने, समुद्री आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और सहायक उद्योगों, विशेष रूप से एमएसएमई(MSME) क्षेत्र के विकास को प्रोत्साहन देने के लिए 'आत्मनिर्भर भारत' के उद्देश्यों के अनुरूप है।
  • यह परियोजना देश में रोजगार के अवसर पैदा करेगी और विशेषज्ञता का विकास करेगी।

अपतटीय गश्ती पोत

  • अपतटीय गश्ती पोत एक अत्यधिक बहुमुखी जहाज है, जिसे तटीय क्षेत्रों में समुद्री सुरक्षा और प्रभावी आपदा राहत के प्रावधान सहित अनन्य आर्थिक क्षेत्र(exclusive economic zone) प्रबंधन के लिए डिज़ाइन किया जाता है।

भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard )

  • भारतीय तटरक्षक बल रक्षा मंत्रालय के तहत एक सशस्त्र बल है जिसका कार्य खोज और बचाव तथा समुद्री कानून प्रवर्तन है।
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
  • इसकी स्थापना अगस्त 1978 में तटरक्षक अधिनियम, 1978 द्वारा भारत के एक स्वतंत्र सशस्त्र बल के रूप में की गई थी। 
  • भारतीय तटरक्षक बल (ICG) के गठन की अवधारणा वर्ष 1971 के युद्ध के बाद अस्तित्व में आई तथा रुस्तमजी समिति द्वारा एक बहु-आयामी तटरक्षक के लिये दूरदर्शी खाका तैयार किया गया था।
  • सन्निहित क्षेत्र (Contiguous Zone) और अनन्य आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone) सहित भारत के क्षेत्रीय जल पर इसका अधिकार क्षेत्र है।
  • यह भारत के समुद्री क्षेत्रों में समुद्री पर्यावरण संरक्षण के लिये उत्तरदायी है तथा भारतीय जल क्षेत्र में तेल रिसाव की प्रतिक्रिया के लिये ​एक समन्वय प्राधिकारी के रूप में कार्य करता है।

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए ।

  1. भारतीय तटरक्षक बल की स्थापना तटरक्षक अधिनियम, 1978 द्वारा की गई थी। 
  2. भारतीय तटरक्षक बल रक्षा का मुख्यालय मुंबई में है।
  3. अपतटीय गश्ती पोत एक अत्यधिक बहुमुखी जहाज है, जिसे तटीय क्षेत्रों में समुद्री सुरक्षा और प्रभावी आपदा राहत के प्रावधान सहित अनन्य आर्थिक क्षेत्र प्रबंधन के लिए डिज़ाइन किया जाता है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?

(a) केवल एक

(b) केवल दो 

(c) सभी तीनों 

(d) कोई भी नहीं 

उत्तर: (b)

मुख्य परीक्षा प्रश्न: अपतटीय गश्ती पोत क्या है? अपतटीय गश्ती पोत के महत्व पर प्रकाश डालिए।

 स्रोत:the hindu

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