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राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन 

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, NMCG, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 

संदर्भ- 

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन(NMCG) ने गंगा नदी (पुनरुद्धार, संरक्षण और प्रबंधन) प्राधिकरण आदेश, 2016 में संशोधन करने के लिए 10 जनवरी, 2024 को एक अधिसूचना जारी की।

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मुख्य बिंदु-

  • NMCG गंगा और उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण को कम करने के लिए जिम्मेदार केंद्र की नोडल एजेंसी है।
  • इस अधिसूचना के अंतर्गत NMCG ने नई शक्तियां ग्रहण कर ली हैं, जिसके तहत वह अब निर्धारित मानदंडों के अनुरूप उपचारित सीवेज और अपशिष्ट को नदी, नहर या जल निकायों में निर्वहन की अनुमति दे सकती है।
  • इस अधिसूचना के माध्यम से NMCG ने 2016 के आदेश के पैराग्राफ 6 के उप-पैराग्राफ (1) में एक नया प्रावधान जोड़ा है, जो इसे उपचारित सीवेज के निर्वहन की अनुमति देने की शक्ति देता है।
  • यह पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत निर्धारित मानदंडों के अनुरूप है। 
  • नया प्रावधान 2016 के आदेश के पैराग्राफ 6 के मौजूदा प्रावधानों के विपरीत है जो गंगा और उसकी सहायक नदियों में पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और कमी से संबंधित है। 
  • 2016 के आदेश के अनुसार, कोई भी व्यक्ति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी अनुपचारित या उपचारित सीवेज या सीवेज कीचड़ को गंगा नदी या उसकी सहायक नदियों या उसके तटों में नहीं बहाएगा।
  • NMCG ने 2016 के आदेश के पैराग्राफ 6 के उप-पैराग्राफ (2) में एक नया प्रावधान जोड़ा है।
  • नए प्रावधान के अनुसार, NMCG द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुरूप उपचारित सीवेज को कृषि उपयोग और औद्योगिक उपयोग जैसे उद्देश्यों के लिए इसके सीधे पुन: उपयोग के विकल्प की खोज के बाद नदी, नहर या जल निकायों में प्रवाहित करने की अनुमति दी जा सकती है।
  • इस कदम से नदियों में अधिक पानी सुनिश्चित होगा। उदाहरण के लिए, दिल्ली में ओखला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से 560 न्यूनतम तरल डिस्चार्ज उपचारित सीवेज पानी को यमुना में छोड़ा जा सकता है, जिससे नदी का प्रवाह बढ़ जाएगा।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन-

  • NMCG को सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत 12 अगस्त, 2011 को एक सोसाइटी के रूप में पंजीकृत किया गया था।
  • यह तकनीकी और वित्तीय सहायता देकर गंगा नदी के प्रदूषण को कम करने के लिए भारत सरकार की एक परियोजना है।
  • इसे ‘राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण’ (NGRBA) के अंतर्गत गठित किया गया।
  • NGRBA का गठन पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम (ईपीए), 1986 के उपबंधों के अंतर्गत किया गया है।
  • ईपीए, 1986 के अंतर्गत ‘गंगा नदी के पुनरूद्धार संरक्षण और प्रबंधन हेतु राष्ट्रीय परिषद’ (जिसे राष्ट्रीय गंगा परिषद भी कहा जाता है) के गठन के परिणामस्वरूप 7 अक्तूबर, 2016 को NGRBA  का इसमें विलय हो गया।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के कार्य-

  • NMCG खुले नालों से बहने वाले अपशिष्ट जल को रोकने, डायवर्ट करने और उपचार करने जैसी प्रदूषण कम करने की रणनीतियों पर काम करता है। 
  • इसका लक्ष्य बायोरेमेडिएशन, उपयुक्त इन-सीटू ट्रीटमेंट, अत्याधुनिक तकनीक, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), और एफ्लुएंट ट्रीटमेंट फैसिलिटीज (ईटीपी) का उपयोग करके प्रदूषण को कम करना है।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- ‘राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन’ के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. यह गंगा और उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण को कम करने के लिए जिम्मेदार केंद्र की नोडल एजेंसी है।
  2. इसे वर्ष,  2011 में एक सोसाइटी के रूप में पंजीकृत किया गया था।

नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए-

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर- (c)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न- 

प्रश्न- हाल ही में जारी एक अधिसूचना के तहत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को नई शक्तियां प्रदान की गई है। ये शक्तियां क्या हैं और पूर्व के नियमों में क्या संशोधन करती हैं? व्याख्या कीजिए।

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