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बादलों में मिले सूक्ष्म प्लास्टिक के कण की मौजूदगी

प्रारम्भिक परीक्षा – बादलों में मिले सूक्ष्म प्लास्टिक के कण, माउंट फूजी , माउंट ओयामा, 'प्लास्टिक वर्षा,
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3

संदर्भ

  • जर्नल एनवायरनमेंट केमिस्ट्री लेटर्स में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार,  माउंट फूजी के शिखर के साथ- साथ इसकी दक्षिण-पूर्वी तलहटी और माउंट ओयामा के शिखर से 1,300 से 3,776 मीटर की ऊंचाई पर बादल से लिए पानी के नमूनों का सर्वेक्षण किया गया है।

माउंट फ़ूजी : यह जापान में स्थित टोक्यो से लगभग 100 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में एक सक्रिय ज्वालामुखी है। आम तौर पर इसे "फ़ूजी-सान" कहा जाता है, यह 3,776 मीटर ऊंची देश की सबसे ऊंची चोटी है।

माउंट ओयामा: यह जापान के कनागावा प्रान्त में इसेहारा, हाडानो और अत्सुगी की सीमा पर स्थित है। जिसे माउंट अफुरी या माउंट कुनिमी भी कहा जाता है, एक 1,252 मीटर ऊंचा पर्वत है ।

प्रमुख बिंदु

  • इस सर्वेक्षण में भौतिक और रासायनिक गुणों की जांच करने के लिए वैज्ञानिकों ने इमेजिंग तकनीक का उपयोग किया। 
  • वैज्ञानिकों ने पहली बार बादलों में सूक्ष्म प्लास्टिक (माइक्रोप्लास्टिक) के कण होने का साक्ष्य प्रस्तुत किया है ।
  • वैज्ञानिकों के अनुसार, यह सूक्ष्म प्लास्टिक के कण स्वास्थ्य और पर्यावरण  के लिए बहुत ही  हानिकारक साबित हो सकते हैं। 
  • इस सूक्ष्म प्लास्टिक के कण का जलवायु और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

जल में उपस्थित विभिन्न प्लास्टिक के कण

  • वैज्ञानिकों ने प्लास्टिक के नौ अलग-अलग तरह के पॉलिमर (पालीइथाइलीन, पालीप्रोपाइलीन, पालीइथाइलीन टेरेपथेलेट, पालीमिथाइल मैथैक्रिलेट, पालियामाइड 6, पाली कार्बोनेट, एथिलीन प्रोपलीन कापोलीमर या पालीइथाइलीन पालीप्रोपाइलीन एलाय, पालीवुरेथेन) और एक तरह की रबर की भी पहचान की है।
  • माइक्रोप्लास्टिक (एएमपी) के इन कणों का व्यास 7.1 से 94.6 माइक्रोमीटर के बीच दर्ज किया गया है। 
  • शोधकर्ताओं के मुताबिक बादलों में मिले यह 'माइक्रोप्लास्टिक' मुख्य रूप से समुद्रों में उत्पन्न हुए थे।
  • शोध में वैज्ञानिको को बादल के प्रत्येक एक लीटर पानी में प्लास्टिक के 6.7 से 13.9 कण मिले हैं। 
    • इस अध्ययन के दौरान बादलों से जो 'माइक्रोप्लास्टिक' के कण मिले हैं उनकी संख्या आर्कटिक, यूरोप, एवरेस्ट और अंटार्कटिका जैसे अन्य क्षेत्रों में मिले माइक्रोप्लास्टिक्स की तुलना में बहुत कम थी।

    माइक्रोप्लास्टिक के इन कणों की विशेषता

    • बादलों से मिले नमूनों में कार्बोनिल और हाइड्रॉक्सिल जैसे माइक्रोप्लास्टिक्स बहुत ही सामान्य थे जो पानी को आकर्षित करने की विशेषता रखते हैं। इसका तात्पर्य यह है कि ये महीन कण बादल, बर्फ और पानी की बूंदों के निर्माण में भूमिका निभा रहे हैं।

    'माइक्रोप्लास्टिक'

    • प्लास्टिक के अत्यंत महीन कणों को जिनका आकार पांच मिलीमीटर या उससे कम होता है, 'माइक्रोप्लास्टिक' कहा जाता है।
    • वैज्ञानिकों के अनुसार, प्रति वर्ष प्लास्टिक के करीब एक करोड़ टन टुकड़े जमीन से समुद्र में पहुंच रहे हैं, जहां से वो वायुमंडल में पहुंच जाते हैं।

    प्लास्टिक वर्षा:

    • वैज्ञानिकों का अनुमान है कि प्लास्टिक के अत्यंत महीन कण, एक बार बादलों में पहुंचने के बाद वह कण वापस “प्लास्टिक वर्षा” के रूप में धरती पर गिर सकते हैं। इस तरह जो कुछ भी हम खाते, पीते हैं, यह उसे दूषित कर सकते हैं। 

    समस्या

    • जिस प्लास्टिक को वरदान समझा जाता था, वो अब एक बड़ी समस्या का रूप ले चुकी है। वर्तमान में धरती का प्रत्येक क्षेत्र बढ़ते प्रदूषण से प्रभावित है।

    प्लास्टिक प्रदूषण से उत्पन्न बीमारियाँ

    • हार्मोन से संबंधित कैंसर, अस्थमा, बांझपन और न्यूरोडेवलपमेंट डिसऑर्डर जैसे एडीएचडी और ऑटिज्म आदि प्रमुख बीमारियां प्लास्टिक के कारण होती है, साथ ही प्लास्टिक में मौजूद जहरीले पदार्थ और भी कई बीमारियों के कारण बनते हैं।
    • वर्तमान में इन प्लास्टिक के महीन कणों की मौजूदगी मानव शरीर में जैसे- फेफड़ों, प्लेसेंटा, हृदय, नसों और रक्त में भी देखी जा रही है।
    • जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है बल्कि मानव में हृदय और फेफड़ों संबंधी बीमारियों के साथ-साथ कैंसर भी उत्पन्न हो रहे हैं ।
    • यह कण हमारे भोजन, हवा और पानी में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक्स, बैक्टीरिया में एंटीबायोटिक रेसिस्टेन्स को 30 गुना तक बढ़ा सकते है। 
    • माइक्रोप्लास्टिक्स न केवल बादलों के निर्माण को प्रभावित कर सकते हैं, बल्कि साथ ही यह जलवायु पर भी प्रभाव डाल सकते हैं।

    समाधान

    • प्लास्टिक प्रदूषण के निवारण या प्लास्टिक प्रदूषण के निस्तारण के तरीके निम्नलिखित हैं-
    • प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए प्लास्टिक से बने उत्पादों जैसे - प्लास्टिक के बैग, डिस्पोजल क्रॉकरी, पैकेट रेपर, पॉलीथिन एवं अन्य वस्तुओं के इस्तेमाल को बंद कर देना चाहिए। 
    • प्लास्टिक के उत्पादों के उपयोग को रोककर कपड़े की थैलियों का उपयोग करना चाहिए। 
    • लोगों में प्लास्टिक के कचरे के प्रति जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। 
    • प्लास्टिक के उत्पादों की मांग को नियमित कर विश्व स्तर पर प्लास्टिक के इस्तेमाल पर नियंत्रण पाया जा सकता है जिसके परिणामस्वरूप प्लास्टिक प्रदूषण को धीरे-धीरे खत्म किया जा सकता है।
    • प्लास्टिक के उत्पादों का पुनरुपयोग करना चाहिए।

    प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?

    1.बादलों में मिले सूक्ष्म प्लास्टिक के कणों के कारण मानव  में हृदय और फेफड़ों तथा कैंसर    संबंधी बीमारियाँ उत्पन्न हो रहीं हैं । 

    2.प्लास्टिक के पांच मिलीमीटर  या उससे कम आकर के कणों को 'माइक्रोप्लास्टिक' कहा जाता है। 

    3.कार्बोनिल और हाइड्रॉक्सिल  जैसे माइक्रोप्लास्टिक्स बादल, बर्फ और पानी की बूंदों के निर्माण में भूमिका निभाते हैं। 

    उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

    (a) केवल एक

    (b) केवल दो

    (c) सभी तीन

    (d) कोई भी नहीं 

    उत्तर : (c)

    मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न -  प्लास्टिक प्रदूषण क्या है? इसके बढ़ते प्रभावों को कम करने के उपाय सुझाएँ ।
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