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वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था का गरीब समर्थक दृष्टिकोण

(प्रारंभिक परीक्षा: सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र; विषय-आर्थिक और सामाजिक विकास) 

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र- 3 : भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोजगार से सम्बंधित विषय)

संदर्भ 

  • केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, ‘वस्तु एवं सेवा कर’ (GST) व्यवस्था ने गरीब समर्थक दृष्टिकोण के माध्यम से लोगों को लाभान्वित किया है, कम दरों के बावजूद सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में राजस्व जीएसटी-पूर्व स्तर तक पहुंच गया है। 
  • उन्होंने बताया कि बढ़ी हुई आर्थिक गतिविधि के कारण जीएसटी संग्रह 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
  • केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 6 मई 2024 को न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संजय कुमार मिश्रा को जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के पहले अध्यक्ष के रूप में पद की शपथ दिलाई है।

POOR-GST

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था 

  • जीएसटी व्यवस्था को 1 जुलाई, 2017 को पूरे देश में लागू किया गया था, इस व्यवस्था ने 17 करों और 13 उपकरों को 5-स्तरीय संरचना में समाहित कर दिया था, जिससे कर व्यवस्था सरल हो गई थी। 
  • वर्तमान में GST पंजीकरण के लिए टर्नओवर सीमा वस्तुओं के लिए 40 लाख और सेवाओं के लिए 20 लाख ( वैट के तहत औसतन 5 लाख से) तक बढ़ गई है। 
  • जीएसटी ने राज्यों में 495 अलग-अलग सबमिशन (चालान, फॉर्म, घोषणाएं आदि) को घटाकर केवल 12 सबमिशन में कर दिया है।

GST व्यवस्था का गरीब समर्थक दृष्टिकोण

  • गरीब-समर्थक दृष्टिकोण को दर्शाते हुए, वित्त मंत्री ने बताया कि प्रभावी भारित औसत जीएसटी दर(effective weighted average GST rate) 2017 के बाद से लगातार गिरी है। 2017 से कर दर को और तर्कसंगत बनाया गया है। 
  • राजस्व तटस्थ दर(Revenue Neutral Rate) 15.3% होने का सुझाव दिया गया था, लेकिन 2017 में यह 14.4% से कम थी, और 2019 में यह घटकर 11.6% हो गई है। 
  • जीएसटी के तहत पंजीकृत करदाताओं की संख्या 2017 में 65 लाख से बढ़कर 2024 में 1.4 करोड़ से अधिक हो गई है। 
  • 44 लाख छोटे करदाताओं और एमएसएमई ने त्रैमासिक रिटर्न मासिक भुगतान योजना (Quarterly Returns with Monthly Payment scheme) का उपयोग किया है।
  • जीएसटी ने कर उछाल (Tax Buoyancy) को 0.72 (जीएसटी से पहले) से बढ़ाकर 1.22 (2018-23) कर दिया है। मुआवजा समाप्त होने के बावजूद, राज्यों का राजस्व 1.15 प्रतिशत पर बना हुआ है।
  • जीएसटी ने ई-इनवॉइसिंग, टीआरईडीएस और अकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क जैसे उपकरणों के माध्यम से एमएसएमई वित्तपोषण को बढ़ाया है।
  • ई-वे बिल प्रणाली ने अंतर-राज्य चौकियों को हटा दिया और लॉजिस्टिक्स लागत कम कर दी।
    • ट्रकों ने प्रतिदिन 44% अधिक यात्रा की है और टैक्स नाकों पर भ्रष्टाचार कम हुआ। 
    • नतीजतन, घरेलू वस्तुओं का अंतर-राज्य व्यापार 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद का 35% तक बढ़ गया, जो 2017-18 में 23.5% था।
  • राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण ने सुनिश्चित किया है, कि कंपनियां उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाएं। 
  • जीएसटी ने कई आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को छूट दी है, जैसे कि गैर-ब्रांडेड खाद्य पदार्थ, कुछ जीवन रक्षक दवाएं, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, सार्वजनिक परिवहन, सैनिटरी नैपकिन, श्रवण सहायता के हिस्से, कृषि सेवाएं आदि।
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