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विदेशी स्टॉक ब्रोकिंग फर्मों द्वारा दूरस्थ व्यापार की अनुमति

प्रारंभिक परीक्षा – विदेशी स्टॉक ब्रोकिंग फर्मों
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3

चर्चा में क्यों

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण(IFSCA) ने गिफ्ट आईएफएससी (Gift IFSC) एक्सचेंजों पर विदेशी स्टॉक ब्रोकिंग फर्मों को दूरस्थ व्यापार (remote trading) करने की अनुमति दी।

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प्रमुख बिंदु 

  • ऐसी विदेशी स्टॉक ब्रोकिंग फर्मों को ब्रोकर-डीलर के बिना मालिकाना आधार पर स्टॉक एक्सचेंजों में सीधे व्यापार करने की अनुमति दी जाएगी, भले ही उनके पास भौतिक कार्यालय या कर्मचारियों के रूप में गिफ्ट IFSC में भौतिक उपस्थिति न हो।
  • ऐसी संस्थाओं को रिमोट ट्रेडिंग पार्टिसिपेंट्स (Remote Trading Participants, or RTPs) के रूप में संदर्भित किया जाएगा।
  • सिंगापुर, जापान, इज़राइल और अमेरिका जैसे देशों में विदेशी स्टॉक ब्रोकिंग फर्मों को दूरस्थ व्यापार (remote trading) की अनुमति प्राप्त है ।
  • दूरस्थ व्यापार (remote trading)  के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, सिंगापुर और ताइवान सहित 13 देशों के 20 स्टॉक एक्सचेंजों की इकाइयों को  अनुमति दी गई है।
  • हांगकांग, चीन और ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्रों की कंपनियां दूरस्थ सदस्यता के लिए पात्र नहीं हैं।
  • इसके तहत मान्यता प्राप्त एक्सचेंजों को रिमोट ट्रेडिंग पार्टिसिपेंट्स (Remote Trading Participants, or RTPs) को ऑनबोर्ड करने के लिए नेट-वर्थ मानदंड, सुरक्षा जमा, आवेदन शुल्क, वार्षिक शुल्क और किसी भी अन्य अतिरिक्त शर्तों को निर्दिष्ट करने के लिए परिचालन का अधिकार होगा।
  • इसके तहत ब्रोकिंग इकाई को एक कॉर्पोरेट निकाय होना चाहिए और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल के तहत प्रतिवंधित देश का निवासी नहीं होना चाहिए।
  • प्रारंभ में केवल मालिकाना व्यापार और नकदी-निपटान वाले डेरिवेटिव की अनुमति दी जाएगी।
  • भारतीय निवासी संस्थाएँ इसके लिए पात्र नहीं हैं।
  • इसके लिए रिमोट ट्रेडिंग पार्टिसिपेंट्स (RTPs) को स्टॉक एक्सचेंजों पर निष्पादित लेनदेन के समाशोधन और निपटान के लिए अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण(IFSCA) में पंजीकृत क्लियरिंग सदस्य के साथ एक समझौता करना होगा।

लाभ :

  • यह भारत को अंतर्राष्ट्रीय एक्सचेंज बनने का मार्ग प्रशस्त करेगा क्योंकि वैश्विक ब्रोकर अब गिफ्ट IFSC में भौतिक रूप से स्थानांतरित होने की आवश्यकता के बिना जुड़ सकते हैं।
  • IFSC एक्सचेंजों पर व्यापार और तरलता दोनों को बढ़ावा मिलेगी।
  • यह भारत के अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) परिदृश्य के भीतर वैश्विक जुड़ाव और तरलता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति की शुरुआत हो सकता है।
  • यह सुलभ व्यापारिक माहौल को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रगतिशील बदलाव है।
  • यह अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए पसंदीदा गंतव्य के रूप में भारत के कद को मजबूत करेगा है।

अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA):

  • अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) की स्थापना 27 अप्रैल, 2020 को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण अधिनियम, 2019 के तहत की गई है।
  • इसका मुख्यालय गुजरात के GIFT सिटी गांधीनगर में है।

अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) की भूमिका:

  • IFSCA भारत में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं, वित्तीय संस्थानों के विकास और विनियमन के लिए एक एकीकृत प्राधिकरण है।
  • यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मंच के रूप में कार्य करता है।
  • IFSCA की स्थापना से पहले RBI, SEBI, PFRDA और IRDAI, IFSC में व्यवसाय को विनियमित करते थे।
  • इसका मुख्य उद्देश्य वैश्विक संपर्क विकसित करना और भारतीय अर्थव्यवस्था की जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करना है।

अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC):

  • यह अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाओं की इनबाउंड और आउटबाउंड आवश्यकताओं के लिए भारत में प्रवेश द्वार का कार्य करता है।
  • भारत सरकार ने अप्रैल 2015 में GIFT मल्टी सर्विसेज SEZ में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) का संचालन किया।
  • केंद्रीय बजट वर्ष 2016 ने GIFT SEZ में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र के लिए प्रतिस्पर्धी कर व्यवस्था प्रदान की गई।
  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) नामक नियामकों ने भारतीय और विदेशी संस्थानों को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) में कार्यालय खोलने की अनुमति देने वाले नियम जारी किए।

मुख्य घोषणाएँ:

  • अप्रैल 2015 में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) विनियमों की घोषणा की गई।
  • जून 2016 में प्रतिस्पर्धी कर व्यवस्था लागू की गई।
  • जनवरी 2017 में कंपनी कानून में छूट प्रदान की गई।
  • अगस्त 2017 में GIFT में सिंगापुर अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र कार्यालय के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय विवाद समाधान तंत्र की स्थापना हुई।
  • फरवरी 2018 में IFSC के लिए एकीकृत प्राधिकरण की स्थापना की घोषणा हुई।
  • IFSC प्राधिकरण अधिनियम 2019 के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) में एकीकृत नियामक की स्थापना हुई।
  • बजट वर्ष 2020 में IFSC में अंतर्राष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज की स्थापना की घोषणा की गई।
  • 31 अगस्त 2020 को वित्तीय सेवा उत्पाद के रूप में बुलियन की घोषणा हुई।

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण(IFSCA) ने गिफ्ट आईएफएससी (Gift IFSC) एक्सचेंजों पर विदेशी स्टॉक ब्रोकिंग फर्मों द्वारा दूरस्थ व्यापार (remote trading) करने की अनुमति दी।
  2. अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) की स्थापना 27 अप्रैल, 2020 को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण अधिनियम, 2019 के तहत की गई है।
  3. अप्रैल 2015 में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) विनियमों की घोषणा की गई।

उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?

 (a) केवल एक 

(b) केवल दो 

 (c) सभी तीनों 

(d)  कोई भी नहीं 

उत्तर: (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न: हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) ने गिफ्ट आईएफएससी (Gift IFSC) एक्सचेंजों पर विदेशी स्टॉक ब्रोकिंग फर्मों को दूरस्थ व्यापार (remote trading) करने की अनुमति दी है। यह भारतके लिए किस प्रकार लाभदायक हो सकता है, विवेचना कीजिए।

स्रोत: THE HINDU

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