New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 20 May 2024, 11:30 AM | Call: 9555124124

दवा कंपनियों के लिए संशोधित विनिर्माण नियम 

प्रारम्भिक परीक्षा – दवा विनिर्माण नियम
मुख्य परीक्षा – सामान्य अध्ययन, पेपर-

चर्चा में क्यों  

सरकार ने  सभी फार्मास्युटिकल कंपनियों को संशोधित गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज (GMP) को लागू करने का निर्देश दिया है

 pharmaceutical-companies

प्रमुख बिंदु 

  • केंद्र ने हाल ही में दवा बनाने में लगे मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्यमों (एमएसएमई) के लिए दवा निर्माण स्थल पर अच्छी विनिर्माण प्रथाओं (GMP) का पालन करना अनिवार्य कर दिया है।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अनुसार  इसका  कार्यान्वयन 1 अगस्त 2023  से शुरू होगा
  • योजना के अनुसार 250 करोड़ रुपये से अधिक सालाना कारोबार वाली फार्मा कंपनियों को छह महीने के भीतर अनिवार्य रूप से जीएमपी का पालन करना होगा
  • जबकि 250 करोड़ रुपये से कम कारोबार वाली कंपनियों को 12 महीने की अवधि में GMP का पालन  करना होगा। 
  • एमएसएमई इकाईयों (MSME units) के उन्नयन के लिए फार्मास्युटिकल विभाग के पास क्रेडिट-लिंक्ड पूंजी और ब्याज सब्सिडी प्रदान करने की एक योजना भी है।
  • सरकार द्वारा औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम 1945 की अनुसूची एम में संशोधन करने से फार्मा कंपनियों के लिए जीएमपी मानदंडों में सुधार और सख्ती बढ़ेगी ।

मानकों की आवश्यकता

  • इसका उद्देश्य  देश की सभी फार्मास्युटिकल कंपनियों को वैश्विक मानकों के बराबर लाना है । 
  •  ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जहां कई  देशों ने भारत निर्मित सिरप, आई-ड्रॉप और आंखों के मलहम में कथित संदूषण की सूचना दी है। जैसे: गाम्बिया में 70 बच्चों की मौत, उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत आदि
  •  सरकार द्वारा 162 विनिर्माण इकाइयों के  निरीक्षण में कई कमियां पाई गईं जैसे- 
    • कच्चे माल का उपयोग से पहले परीक्षण नहीं किया जाना
    • उत्पाद की गुणवत्ता की समीक्षा न करना ,
    • गुणवत्ता की जांच का अभाव,
    • क्रॉस-संदूषण को रोकने के लिए बुनियादी ढांचे की कमी
    • दोषपूर्ण डिजाइन विनिर्माण 
    • परीक्षण क्षेत्र में  योग्य पेशेवरों की कमी 
    • खराब दस्तावेज़ीकरण।
  •  वर्तमान में देश में 10,500 दवा निर्माण इकाइयों में से केवल 2,000 ही वैश्विक मानकों को पूरा करती हैं।
  •  यह सुनिश्चित करना  कि दवा कंपनियां मानक प्रक्रियाओं, गुणवत्ता नियंत्रण उपायों का पालन करें।
  •  दवाओं और सौंदर्य प्रसाधन नियमों के 2018 मसौदा अनुसूची एम में सूचीबद्ध संशोधित अच्छी विनिर्माण प्रथाओं (जीएमपी) का कार्यान्वयन करना।
  •  लाइसेंसिंग और निरीक्षण प्रक्रियाओं को सभी राज्यों में एकरूपता लाना, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश में कहीं भी निर्मित दवा की गुणवत्ता समान होगी।

 संशोधित जीएमपी दिशानिर्देश

  • उत्पादित दवाओं की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण उपाय सुनिश्चित करता है।
  •  उचित दस्तावेज़ीकरण और आईटी समर्थन पर ध्यान केंद्रित करता है।
  • नए दिशानिर्देश फार्मास्युटिकल गुणवत्ता प्रणाली, गुणवत्ता जोखिम प्रबंधन, उत्पाद गुणवत्ता समीक्षा और उपकरणों के सत्यापन पर विशेष ध्यान  देते हैं।
  •  इससे कंपनियों को अपने सभी उत्पादों की नियमित गुणवत्ता समीक्षा करनी होगी
  •  गुणवत्ता और प्रक्रिया को सत्यापित करना होगा
  •  किसी भी विचलन या संदिग्ध दोष की गहन जांच करनी होगी और सभी  निवारक उपायों को लागू करना होगा।
  • कंपनियों को जलवायु परिस्थितियों के अनुसार स्थिरता का अध्ययन भी करना होगा।
  •  कंपनियों को  अनिवार्य रूप से दवाओं को स्थिरता कक्ष (stability chamber) में बनाए रखने, तापमान और आर्द्रता निर्धारित करने एवं  त्वरित स्थिरता परीक्षण ( accelerated stability test) करने की भी आवश्यकता होगी।
  •  कंपनियों के पास जीएमपी संबंधित कम्प्यूटरीकृत सिस्टम हो एवं  डेटा गोपनीयता सुनिश्चित हो।
  •  संवेदनशील  डेटा को संरक्षित करने के लिए बैकअप सुनिश्चित करना जिससे डेटा का कोई नुकसान न हो।
  • इसके अलावा नया शेड्यूल एम (new schedule M) अतिरिक्त प्रकार के उत्पादों को भी सूचीबद्ध करता है, जिनमें जैविक उत्पाद, रेडियोधर्मी एजेंट ( radioactive ingredients) और पौधे-व्युत्पन्न उत्पाद (plant-derived products) शामिल हैं।
  • नई अनुसूची में नैदानिक ​​परीक्षणों के लिए निर्मित किए जा रहे जांच उत्पादों की आवश्यकता को भी सूचीबद्ध किया गया है।

लाभ 

  • पूरे उद्योग में समान गुणवत्ता स्थापित करने से अन्य देशों के नियामकों को विश्वास होगा।
  • इससे घरेलू बाजारों में दवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
  • इससे  देश की सभी विनिर्माण इकाइयाँ वैश्विक मानकों के अनुरूप हों जाएगी , जिससे विभिन्न नियामकों द्वारा बार-बार निरीक्षण की आवश्यकता भी  कम हो जाएगी।
  •  यह भारत को दुनिया का गुणवत्तापूर्ण फार्मास्युटिकल केंद्र बना देगा।
  • हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि नया शेड्यूल एम अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है।

प्रश्न : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 

  1.  सरकार द्वारा औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम 1945 की अनुसूची एम में संशोधन करने से फार्मा कंपनियों के लिए जीएमपी मानदंडों में सुधार होगा।
  2.  250 करोड़ रुपये से अधिक सालाना कारोबार वाली फार्मा कंपनियों को एक वर्ष के भीतर अनिवार्य रूप से जीएमपी का पालन करना होगा

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?

(a) केवल कथन 1 

(b) केवल कथन 2 

(c) कथन 1 और कथन 2 

(d) न तो 1, न ही 2 

उत्तर:  (a)

मुख्य परीक्षा प्रश्न : संशोधित विनिर्माण नियम भारत को फार्मास्युटिकल केंद्र के रूप में विकशित करेगा । परीक्षण कीजिए।

Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR