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पैरा फसल प्रणाली  (The Paira cropping system)

प्रारम्भिक परीक्षा – पैरा फसल प्रणाली  (The Paira cropping system)
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन पेपर-1 (भूगोल-कृषि)

संदर्भ 

चावल परती पहल के माध्यम से ओडिशा सरकार द्वारा जलवायु-लचीली कृषि पैरा फसल प्रणाली  को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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प्रमुख बिंदु :-

  • ओडिशा सरकार द्वारा पुनर्योजी कृषि पद्धतियों एवं कृषि उत्पादन में सुधार लाने के प्रयास के लिए वर्ष 2022-23 में रबी सीज़न के दौरान पहली बार चावल परती प्रबंधन परियोजना लागू की गई थी 

चावल परती प्रबंधन पहल:-

  • यह पहल एक सरल और प्रभावी वैज्ञानिक दृष्टिकोण है। 

उद्देश्य:- 

  • मिट्टी की नमी का इष्टतम उपयोग
  • फसल सघनता बढ़ाना
  • दालों और तिलहनों का उत्पादन बढ़ाना
  • मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाये रखना

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  • उपज के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध कराकर किसानों की आय में वृद्धि करना।
  • इस पहल के मध्यम से चावल की फसल के बाद बची हुई बिना फसल वाली भूमि का उपयोग किया जाता है। 
  • इस योजना के तहत मूंग, काला चना, मटर, बंगाल चना, घास मटर, मसूर, सरसों और तिल सहित 8 फसलों को लक्षित किया गया है।
  • यह योजना प्रदेश के सभी 30 जिलों में क्रियान्वित की जा रही है।

महत्व:-

  • इस कार्यक्रम में सूक्ष्म पोषक तत्वों के अनुप्रयोग के माध्यम से संतुलित पोषक तत्व प्रबंधन के महत्व पर जोर दिया गया है। 
  • इस पहल के तहत मिट्टी की उर्वरता और पोषक तत्वों के स्तर को सुनिश्चित करना तथा फसल की पैदावार में सुधार करना है। 

पैरा/ रिले या उटेरा फसल प्रणाली :-

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  • यह बहुफसलीकरण की एक विधि है। 
  • इस प्रणाली में चावल की कटाई से लगभग 2 सप्ताह पहले मसूर, लथीरस, उरदबीन, मूंग के बीज को धान की खड़ी फसल में बोया जाता है। 
  • यह इस प्रणाली में चावल की कटाई के समय मिट्टी में बची हुई नमी सामान्यतः छोटी अवधि की दलहन और तिलहन फसल उगाने के लिए पर्याप्त होती है। 
  • यह टिकाऊ फसल गहनता और भूमि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए संसाधनों का उपयोग करने का एक कुशल तरीका है। 
  • ओडिशा जलवायु-लचीली कृषि को बढ़ावा देने के लिए इस तकनीक का उपयोग कर रहा है।
  • यह प्रणाली पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में प्रचलित है।

लाभ :-

Rice

  • चावल की फसल की कटाई के बाद जुताई के साथ बुआई करने की तुलना में जोड़ीदार फसल से मसूर की अधिक पैदावार होती है। 
  • यह प्रणाली में जुताई, निराई, सिंचाई और उर्वरक जैसे कृषि संबंधी अनुप्रयोग की आवश्यकता नहीं होती है। 
  • इस प्रणाली में चावल की किस्म, दालों की उत्पादकता तय करती है।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न :- पैरा फसल प्रणाली  (The Paira cropping system) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. यह बहुफसलीकरण की एक विधि है। 
  2. इस प्रणाली में चावल की कटाई से लगभग 2 सप्ताह पहले मसूर, लथीरस, उरदबीन, मूंग के बीज को धान की खड़ी फसल में बोया जाता है। 
  3. कृषि की उत्पादकता बढ़ने के लिए ओडिशा सरकार द्वारा पैरा फसल प्रणाली  को बढ़ावा दिया जा रहा है।  

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

(a) केवल एक 

(b) केवल दो 

(c) सभी तीन  

(d) कोई भी नहीं 

उत्तर (c)

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