‘आपातानी’ अरुणाचल प्रदेश की एक प्रसिद्ध कपड़ा बुनाई पद्धति है। इन कपड़ों की बुनाई यहाँ की 'आपातानी जनजाति’ के लोगों द्वारा की जाती है।
आपातानी कपड़ा अपने ‘ज्यामितीय पैटर्न’ और ‘कोणीय डिज़ाइनों’ के लिये जाना जाता है। इनकी बुनाई विभिन्न अनुष्ठानों और सांस्कृतिक उत्सवों के साथ-साथ सामान्य अवसरों पर पहनने के लिये की जाती है।
इनके द्वारा बुने गए कपड़ों में मुख्यतः शॉल (जिग-जीरो) और जैकेट (सुपुंतारी) शामिल हैं। इन कपड़ों की रंगाई में जैविक रंगों का उपयोग किया जाता है जो पौधों से प्राप्त विभिन्न तत्त्वों को मिलाकर बनाया जाता है।
दिसंबर 2021 में आपातानी कपड़ा उत्पाद को ‘भौगोलिक संकेतक’ (जी.आई.) टैग प्रदान करने के लिये भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री, चेन्नई में आवेदन किया गया है।
ध्यातव्य है कि आपातानी जनजाति अपने ‘मछली-सह-धान की खेती’ मॉडल के लिये भी जानी जाती है।