सेना तथा रक्षा भू-सूचना विज्ञान एवं अनुसंधान प्रतिष्ठान (DGRE) ने उत्तरी सिक्किम में एक हिमस्खलन निगरानी रडार स्थापित किया है। यह भारत में अपनी तरह का पहला रडार है।
रडार में लघु सूक्ष्म तरंग स्पंदन की एक श्रृंखला का उपयोग किया गया है जो ट्रिगर के तीन सेकंड के भीतर हिमस्खलन का पता लगाने में सक्षम है। रडार एक अलार्म सिस्टम से जुड़ा है, जो हिमस्खलन की स्थिति में स्वचालित नियंत्रण और चेतावनी उपायों को सक्षम बनाता है।
किसी भी मौसम में कार्य करने में सक्षम यह रडार अत्यधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों में सैन्य जान-माल की क्षति को कम करने में मदद करेगा। यह बिना किसी अन्य उपकरण की मदद के दो वर्ग किमी क्षेत्र को कवर करता है। हिमस्खलन के अलावा भूस्खलन का पता लगाने के लिये भी इसका उपयोग किया जा सकता है।