कार्बीवैक्स (Corbevax) कोविड-19 के विरुद्ध स्वदेशी रूप से विकसित पहली ‘रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन’ (Receptor Binding Domain Protein sub-unit vaccine) है। ‘प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन’ पूरे वायरस से लड़ने के बजाय प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को मजबूत करती है।
इसमें एक हानिरहित स्पाइक (S) प्रोटीन होता है। जब प्रतिरक्षा प्रणाली प्रोटीन की पहचान कर लेती है, तो यह वास्तविक संक्रमण से लड़ने के लिये एंटीबॉडी का उत्पादन करती है।
इसे इंट्रामस्क्युलर मार्ग से दिया जाता है, जिसकी दो खुराक 28 दिनों के अंतराल पर निर्धारित की गई है। इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर संगृहीत किया जाता है।
इसे हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड (Biological E Limited’s: BE) ने विकसित किया है।
हाल ही में इस वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 12 से 18 वर्ष के लोगों में आपातकालीन स्थिति में उपयोग करने को मंजूरी दी है, जबकि वयस्कों में इसके उपयोग की मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है।