पैंगोलिन एक स्तनधारी रात्रिचर जीव है। यह बिल में रहता है तथा दीमक और चींटी इसका मुख्य आहार है। पैंगोलिन दुनिया में अवैध व्यापार का सर्वाधिक शिकार होने वाला स्तनधारी है। भारतीय पैंगोलिन आई.यू.सी.एन. की रेड लिस्ट में ‘खतरे में’ (Endangered) की श्रेणी में शामिल है।
भारतीय पैंगोलिन का शारीरिक आकार विश्व में पाई जाने वाली पैंगोलिन की आठ प्रजातियों में सबसे बड़ा है। पैंगोलिन एक ऐसा जीव है जो किसी बाहरी आक्रमण से स्वयं को बचाने के लिये अपने शरीर को मोड़कर एक सुरक्षा कवच बनाने में सक्षम है।
ओडिशा के वन विभाग ने राज्य में इसके पुनर्वास प्रोटोकॉल को मानकीकृत करने के लिये एक पैंगोलिन की ‘रेडियो टैगिंग’ की है।
इस पैंगोलिन को कुछ दिन तक ‘नंदनकानन जूलोजिकल पार्क’ में निगरानी में रखा गया। इसके बाद इसे ‘नंदनकानन वन्यजीव अभयारण्य’ में छोड़ दिया गया। इससे पहले मध्य प्रदेश में भी पैंगोलिन की टैगिंग करके उसे जंगल में छोड़ा गया था।
ध्यातव्य है कि ‘नंदनकानन जूलोजिकल पार्क’ भारतीय पैंगोलिन के ‘संरक्षण एवं प्रजनन’ के लिये एकमात्र केंद्र है।