जोहा मुख्य रूप से असम में उगाई जाने वाली छोटे दाने वाली शीतकालीन धान की एक प्रजाति है जो अपनी सुगंध और उल्लेखनीय स्वाद के लिये प्रसिद्ध है।
इस चावल में पाए जाने वाले दो असंतृप्त फैटी एसिड लिनोलिक एसिड (ओमेगा -6) और लिनोलेनिक (ओमेगा -3) एसिड विभिन्न अंगों का संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।
इसकी भूसी का उपयोग तेल बनाने के लिये किया जाता है। इसे वर्ष 2017 में भौगोलिक संकेतक प्रदान किया गया है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी के नवीनतम अध्ययन के अनुसार जोहा चावल रक्त शर्करा को कम करने और मधुमेह को नियंत्रित करने में प्रभावी है।