मकरविलक्कू केरल का सात दिवसीय एक वार्षिकोत्सव है, जो मकर संक्रांति पर सबरीमाला मंदिर में आयोजित किया जाता है। इस दिन सबरी से भगवान श्री राम के मिलने की घटना की वर्षगांठ मनाई जाती है।
यह उत्सव थिरुवाभरणम जूलूस (आभूषणों का जूलूस) से शुरू होता है और ‘गुरुथी’ नाम की एक रस्म के साथ समाप्त होता है। यह रस्म वन के देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिये की जाती है।
मकरविलक्कू एक प्रकाश है जो पोन्नम्बलमेडु पहाड़ी पर जलाया जाता है। इस दिन मकरज्योति (आकाशीय तारा) आकाश में दिखाई देती है और यह सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में संक्रमण को चिह्नित करती है।
अतीत में यह उत्सव मलयाराय जनजाति द्वारा मनाया जाता था, जिन्हें पोन्नम्बलमेडु के मलायामन साम्राज्य का वंशज माना जाता है।